गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग ज्योतिष शास्त्र के विख्यात ज्ञाता, श्री गर्ग पंचाग के प्रधान संपादक और 108 कुंडिय विष्णुमहायज्ञों के यशस्वी आचार्य
गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग ज्योतिष शास्त्र के विख्यात ज्ञाता, श्री गर्ग पंचाग के प्रधान संपादक और 108 कुंडिय विष्णुमहायज्ञों के यशस्वी आचार्य

 हमारा देश भारत की दिव्य पावन धरा पर अनेक ऋषि मुनि व लोक संत हुए हैं। तथा अपनी शिक्षाओं व ज्ञान से लोक कल्याण हेतु परोपकारी सिध्द हुए हैं, जो आज भी उनके प्रति जन-जन के आस्था और विश्वास है। पिछले दिनों हमने ज्योतिष शास्त्र के प्रधान प्रवर्तक व भगवान श्री कृष्ण जी के गुरू महामुनि महर्षि गर्ग ऋषि के बारे मे पढ़ा। आज जगद्गुरु भगवान गर्गाचार्य जी के वंश में जन्म लेने वाले विश्व विख्यात श्री गर्ग पंचांग के प्रधान संपादक और 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञों के यशस्वी आचार्य गुरूदेव श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पंडित मोहनलाल जी गर्ग के बारे कुछ जानकारी साझा कर रहा हूं। आदरणीय गुरूदेव श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग का जन्म राजस्थान के जोधपुर के शहर के निकटवर्ती ब्रह्म धाम - भाण्डूकलां में हुआ।

इनके पिता श्री रामनारायण जी गर्ग एवं माताजी स्वर्गीया भभूतीदेवी के घर हुआ। आप बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे और पिताजी से ही प्रारंभिक ज्योतिष ज्ञान अर्जित कर आज देश के जाने माने यशस्वी ज्योतिषाचार्य व 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञों के आचार्य है। तथा सन् 2001 से निरंतर अपना लोकप्रिय पंचांग ' श्री गर्ग पंचांग ' का सम्पादन करते आ रहे हैं। सर्व धर्म समभाव राष्ट्रीय एकात्मक का प्रतीक श्री गर्ग पंचांग ने देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान बना रखी हैं। इनमें छपने वाली भविष्यवाणियां निन्यानवे फीसदी सटिक रहती हैं। 

श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग :- 

ज्योतिष के क्षेत्र में वैसे तो कई जाने-माने ज्योतिषाचार्य हैं जिनकी भविष्यवाणियां एकदम सटीक और सही साबित होती हैं। यहां पर आज हम आपको देश के राजस्थान राज्य के जोधपुर जिला मुख्यालय से सटे ब्रह्मा धाम - भाण्डूकलां में जगद्गुरु भगवान श्री गर्गाचार्य आचार्य पीठ के प्रमुख व देश के जाने माने प्रखर ज्योतिषाचार्य श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग देश के ऐसे प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों में से हैं जिनके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी ज्योतिष सेवाएं इनका पंचांग 'श्री गर्ग पंचाग ' विश्व प्रसिद्ध हैं। तथा पण्डित जी 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञों के यशस्वी आचार्य भी हैं। इन्होंने भारत की एकता अखंडता व प्राकृतिक की रक्षार्थ सौ 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ भारत की पवित्र भूमि पर करने का लक्ष्य किया हैं। श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग की प्रधानता में  छब्बीस 108 कुंडिय महायज्ञ संपन्न हो चुके हैं। आगामी 21 मार्च को सत्ताईस वां एक सौ आठ कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ संपन्न होगा।

देश के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य राजमहर्षि पंडित मोहनलाल जी गर्गाचार्य  :- 

देश के जाने माने ज्योतिषाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्गाचार्य का सम्बंध राजस्थान के जोधपुर जिले के  ब्रह्म धाम भाण्डूकलां गांव स्थित एक गर्ग ब्राह्मण में सिध्दप गोत्रीय परिवार से हैं। इनके पिता श्री रामनारायण जी गर्ग ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता हैं। परम पूज्य भोजराज जी उनके गुरु हैं। ज्योतिषाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग के पास ज्योतिष विद्या का पारंपरिक और आधुनिक ज्योतिष दोनों का गहरा ज्ञान है। उन्होंने पारंपरिक ज्योतिष विद्या के प्रकाश को दूर-दूर तक ले जाने के लिए हजारों छात्रों को पढ़ाया है। श्री पण्डित गर्गाचार्य वैदिक ज्योतिष में उच्च सम्मानित नामों में से एक है। वे 2001 से लगातार अपने पंचांग 'श्री गर्ग पंचांग' का संपादन कर रहे हैं। साथ ही 'श्री गर्गाचार्य कालदर्शक' कलैण्डर, श्री गार्ग्य पाॅकेट पंचांग जन्त्री, श्री गार्ग्य राशिफल आदि का प्रकाशन नियमित रूप से हो रहा हैं।

ख्याति प्राप्त महायज्ञों के यशस्वी आचार्य - 

श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग के नेतृत्व में भारत की एकता अखंडता व प्राकृतिक आपदाओं से रक्षार्थ पूरे भारत वर्ष की दिव्य भूमि पर सौ एक सौ आठ कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ करने का दृढ़ निर्णय लिया गया हैं। अब तक छब्बीस 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ संपन्न हो चुके हैं तथा सत्ताईसवां 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ 21 मार्च को जोधपुर शहर के शास्त्रीनगर स्थित बाबा रामदेव ब्रह्म धाम श्री जगद्गुरु भगवान गर्गाचार्य आचार्य आश्रम में संपन्न होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां परवान पर चढ़ी हुई हैं। 

108 कुंडिय विश्व विजयी श्री विष्णु महायज्ञम् :- 

जगद्गुरु भगवान श्री गर्गाचार्य आचार्य पीठ के तत्वावधान और प्रधान महायज्ञाचार्य श्री गर्गाचार्य राजमहर्षि पण्डित मोहनलाल जी गर्ग के आचार्यत्व में एक सौ श्री विष्णु महायज्ञों का शुभारंभ किया गया है अब तक छब्बीस यज्ञ संपन्न हो चुके हैं और सत्ताईस वां महायज्ञ 21 मार्च को इनके प्रधान आचार्यत्व में संपन्न होगा।

 प्रमुख नौ इष्टियों का प्रयोग जिसमें - 

 ● सूर्य शांति - राजश्री प्रयोग।

 ● सोम शांति - आरोग्य श्री प्रयोग । ● भौम शांति -  ऋण मोचन प्रयोग । ● बुध शांति - वित्तेष्टि प्रयोग । ● गुरू शांति - पुत्रेष्टि प्रयोग । ● शुक्र शांति - गृह लक्ष्मी प्रयोग । ● शनि शांति - भाग्य श्री प्रयोग । ● राहू शांति - विजय श्री प्रयोग । ● केतु शांति - शत्रुञय प्रयोग ।

 

विविध शांति प्रयोग - 

● नवग्रह शांति ● नक्षत्र शांति  ● कालसर्प योग  ● केमद्रुम योग  ● शंकट योग  ● नागपाश योग  ● मांगलिक योग  ● वैधव्य योग  ● ऋण योग  ● निर्धन योग  ● अनपत्य योग  ● नि:संतान योग  ● दुर्भाग्य योग  ● राजभंग योग  ● मंदबुद्धि योग ● व्यापार हानि योग ● लक्ष्मी भंग योग ● त्रिखल जन्म योग ● ग्रहण जन्म योग ● कृष्णा चतुर्दशी, अमावस्या जन्म योग ● ज्वालामुखी जन्म योग ● विष पुत्री जन्म योग ● देव पितृ आसुरी दोष योग के साथ ही संपूर्ण शांति के प्रयोग इस महायज्ञ में वैदिक आगमोक्त कल्पों के दिव्य प्रयोग के साथ करवाई जाती हैं। इस 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ में आजीवन मांस-मंदिरा के त्याग और वैष्णव नियम धारण करने के बाद महायज्ञ शाला में प्रवेश दिया जाता है। सर्व धर्म समभाव राष्ट्रीय एकात्मक का प्रतीक श्री विष्णु महायज्ञ सभी की मनोकामना पूर्ण हो ऐसी कामनाएं। 


                     सूबेदार रावत गर्ग उण्डू 



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