13 अप्रेल 1919 का वो दिन
मनहूस बड़ा ही काला था !
आजादी की लड़ाई का केंद्र
वो बाग जलियाँ वाला था !!
सुलग उठी हर भारतवासी के
दिल मे आजादी की ज्वालायें !
इंकलाब का सिंहनाद गुंजा
हर हाथ में क्रांति की पताकाएं !!
अमृतसर की पावन धरा पर
आजादी का बिगुल बजा था !
जलियाँवालाबाग में देश के
रण बांकुरों का हुजूम उमड़ा था !!
काले कानून रॉलेक्ट एक्ट का
हर भारत वासी विरोध में था !
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी
तक हर नर के मन में क्रोध था !!
जालिम जनरल डायर अंग्रेज ने
गोलियां चलाने का हुक्म दिया !
मौत ने तांडव नृत्य कर निर्दोषों
को बेमौत धरा पर सुला दिया !!
रक्तपात से हुई धरती लाल
सिर्फ चीत्कार सुनाई देती थी !
इंकलाब के नारों से आकाश
गुंजायमान सुनाई पड़ती थी!!
रक्तरंजित पृथ्वी बाग की
सारी लाल दिखाई देती हैं !
उसी धरा से प्रस्फुटित भगतसिंह
जैसे लाल पैदा होते है !!
उधमसिंह जैसे शूरवीर ने उस
हत्यारे जनरल का नाश किया !
असंख्य वीर क्रांतिकारियों की
हत्या का जिसने बदला लिया !!
जिसने आजादी की आग को
पूरे भारत देश में फैलाई थी !
भारत माता की बेड़ियाँ
कटने की बारी आई थी !!
ये दर्दनाक दास्तां सुनकर हम
आज भी खून के आंसू रोते है !
जलियाँवालाबाग के शहीदों
को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है !!
सत्यनारायण शर्मा "सत्य"
- किसी भी प्रकार की खबर/रचनाये हमे व्हाट्सप नं0 9335332333 या swaikshikduniya@gmail.com पर सॉफ्टमोड पर भेजें।
- स्वैच्छिक दुनिया समाचार पत्र की प्रति डाक से प्राप्त करने के लिए वार्षिक सदस्यता (शुल्क रु 500/- ) लेकर हमारा सहयोग करें।
- साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधि, ब्यूरो चीफ, रिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।
- कृपया यह ध्यान दे की कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि 500 शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा।
- कृपया अपनी रचना के साथ अपना पूरा विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो अवश्य भेजें।