मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

इस समय कोरोना महामारी के कारण देश में हर वर्ग व उम्र का व्यक्ति प्रभावित है। आप सभी को कोरोना वायरस की वजह से आने वाले कई दिनों तक अपने घरों में ही रह कर इस वायरस के खिलाफ एक जुट हो कर जंग लड़नी है और इस कोरोना को मात देनी है। इस दौरान आप सभी अपने और अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का बहुत अच्छे से ध्यान रख रहे होंगे। सोशल डिस्टनसिंग से आप शरीरिक रूप से सुरक्षित हैं लेकिन इन दिनों के प्रभाव का एक दूसरा पहलू भी जान ना बहुत जरूरी है जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य से सीधा संबंधित है।


क्योंकि आपके परिवार का हर सदस्य इस लॉक डाउन तथा सोशल डिस्टनसिंग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है। बच्चे इन दिनों अपने स्कूल , पार्क, दोस्त से एक दम दूर अपने घरों में ही बंद हैं जिस से उन मे गुस्सा, चिड़चिड़ापन जिद आदि देखने को मिल सकता है। घरो में महिलाओं पर अतिरिक्त जिम्मेदारियां आ गई हैं। घर के सदस्यों के स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखने के प्रति चिंता बढ़ गई है। इस से उन में तनाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी तरह बुजुर्गों में शंका, डर, नकारात्मकता जैसी भावनाएं आ सकती हैं।


इस वायरस से आप खुद को सामाजिक दूरी बना कर शारिरिक रूप से सुरक्षित रख सकते हैं लेकिन मानसिक तौर पर भी हमे स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है और इस वायरस को पूरी तरह हराने में हमे कुछ और समय लग सकता है। और हमे आने वाले दिनों में बहुत से बदलावों के लिए खुद को तैयार भी रखना होगा जैसे वर्क फ्रॉम होम के बाद आफिस रूटीन में लौटना, बहुत दिनों के बाद स्कूल कॉलेज जाना। ऐसी भी शंका जताई जा रही है कि रोजगार संबंधित समस्या देखने को मिल सकती हैं।


अतः इन सब से डील करने के लिए हमे शारीरिक रूप के साथ साथ मानसिक रूप से भी खुद को तैयार व फिट रखना है। अगर आप अपने जीवन को संतुलित, खुशनुमा व सफल बनाये रखना चाहते हैं तो मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे। पुरानी कहावत है कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत। अर्थात मन (मानसिक स्वास्थ्य) की भूमिका को आप नकार नही सकते हैं। अगर व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा नही होगा तो वो कितना भी शरीर से स्वस्थ हो उसे अच्छा महसूस नही होगा। जीवन मे घर , व्यवसाय व परिवार जैसी बहुत सी जिम्मेदारी  निभाने तथा संतुलन बनाये रखने में मुश्किल होगी। जैसे अपने कई बार सुना होगा कि धन से सम्पन्न या अच्छी नौकरी वाला व्यक्ति आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेता है। परिवार तक टूट जाते हैं।


जीवन मे खुशी, प्रेरणा, संतुष्टि व मनोबल होना जरूरी है और इन सबका संबंध आपके मानसिक स्वास्थ्य से ही है। अतः आप सभी से निवेदन है कि मन मे अच्छे विचार लाए। सकारात्मक सोचें। खुद को अपने बच्चो के साथ रचनात्मक कार्यो में व्यस्त रखे। योग व मेडिटेशन करें। अच्छी दिनचर्या प्लान करें। परिवार के साथ यादगार व खुशनुमा समय व्यतीत करें। सकारात्मकता फैलाये और हौसला रखें कि जल्द ही सब अच्छा होगा। आवस्यकता पड़े तो काउंसलर व साइकोलोजिस्ट की सहायता ले। सरकार ने देश के सभी शहरों में हेल्पलाइन नंबर शुरू की है। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप तन व मन से स्वस्थ रहे। अपने घरों में रहे, सुरक्षित रहे।



               आस्था तिवारी



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