राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल विकास में अहम भूमिका निभाएंगी
 *राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल विकास में अहम भूमिका निभाएंगी* 

 


 

 राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा प्रकाशित द्विभाषी किताबों की सीरीज  आकर्षक , उत्कृष्ट एवं नयनाभिराम तो है ही,पाठ्यसामग्री की दृष्टि से  बेजोड़ भी है। पत्रिका का उन्नत स्तर देखकर संतोष एवं प्रसन्नता स्वाभाविक है। पत्रिका के हर पृष्ठ पर नसरुल्लागंज सिहोर के शिक्षक श्री संतोष धनवारे का कौशल परिलक्षित हो रहा है। एक से बढ़कर एक चित्रों का समीचीन संयोजन देखते ही बनता है। आपका अदम्य उत्साह,आपकी दूरदर्शिता एवं इन किताबों के प्रति बच्चों आकर्षण के साथ सरलता, आनंदमय वातावरण में  द्विभाषी ज्ञान को अपने कोमल मस्तिष्क में आत्मसात करेंगें । इस सीरीज के लिए शिक्षक संतोष धनवारे  पूरा श्रेय राज्य शिक्षा केंद्र के उपायुक्त डॉ. अशोक कुमार जी पारीख को देते है जिनके कुशल मार्गदर्शन में यह कार्य सफल हो पाया है । 

मध्यप्रदेश के सरकारी करीब, सवालाख स्कूलों में 10 किताबे....... (द्विभाषी),धनवारे जी द्वारा बनाये गए चित्रों से सजी है,जो चित्रों को जोड़कर चित्रकहानी के रूप में पढ़ी जा सकती है,जो निश्चय ही चित्रकथा के माध्यम से कक्षा 1 से 8 के लाखों -लाख बच्चों के लिए ..............उपयोगी ,सार्थक,पढ़ने, अपने सपनों की सच्ची कहानी गढ़ने,संस्कृति संग नैतिक गुणों को बढ़ाने,आपसी सामंजस्य भाईचारा को बढ़ाने,स्वच्छ्ता बहुत जरूरी को समझाने, दुनिया के खगोलीय संसार को पहचानने- जानने,आस-पास के पर्यावरण को पहचानने,एकता में ही शक्ति को बल देने ,तर्कशक्ति का परिचय कराती,प्रकृति से सीखो संसार का सबसे महान खजाना खोजना सिखाती,हमारी उपयोगी मशीनरी ओर संसाधन,भाई-बहन का अटूट बंधन ओर पहेलियों से सजी भरी पूरी 10 पुस्तक जो बच्चों के साथ सभी पाठकों के लिए  भी ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगी । जिससे बच्चा खेल-खेल और आनंदमयी वातावरण में अपनी स्कूल की पुस्तकालय में हिंदी और इंग्लिश के साथ साथ, सीख ओर  पढ़  पाएगा,ओर कहेगा *अब पढ़ाई नही रुकेगी*।।

 

 *एक चित्र एक हजार शब्दों को जन्म देता है ...* 

इसी ध्येय वाक्य को आत्मसात कर शिक्षक धनवारे ने अपने अद्भुत कला-कौशल की तूलिका से  सुंदरतम ,आकर्षक  चित्र बनाकर साबित कर दिया कि शब्द अभिव्यक्ति कौशल में चित्रों की अहम भूमिका हैं ,जो बच्चों की दक्षता उन्नयन में कारगार सिद्ध होगी ।

धनवारे जी का समर्पण भाव सर्वथा अभिनंदनीय है , हमारी हार्दिक बधाई एवं सभी  मनोहारी चित्रांकन , रचनाकारों के प्रति विनम्र आभार ।

 

 

 

                *समीक्षक* 

 

           ✍️ *गोपाल कौशल* 

                 प्राथमिक शिक्षक