अधिकार का ग़लत उपयोग ना करें

अनामिका सेठ हीरा लाल की बड़ी बहु, सेठ जी की पत्नी का देहांत हो गया और सेठ जी भी लकवाग्रस्त हो गए, अब सेट जी की तामीरदारी का दायित्व अनामिका पर आ गया , छोटे देवर और ननद की शादी भी कर दी गई, मगर एक एक्सीडेंट में देवर की टांगें चली गई, इसी वजह से देवरानी नमता पति की तिमारदारी में रहती और घर का भी काम काज देखती, ननद सुजाता वकील हैं, नौकरी और घर -परिवार से समयाभाव के कारण पिता के पास ज्यादा समय नहीं आ सकती, ज्यादा तिमारदारी नहीं कर सकती थी। 

इसी कारण मौके का फायदा उठा कर अनामिका ससुर से उन दोनों को अपनी स्वअर्जित सम्पत्ति से बेदखल कराना चाहती है।
ससुर की मृत्यु के पश्चात सारी सम्पत्ति की मालकिन बन गई।
सेठ की छोटी बहु जो ना ज्यादा पढ़ी है, पति की लाचारी के कारण गुजारे के लिए भाई से मदद मांगती है और उसका भाई अपने पिता की सम्पत्ति से आधी सम्पत्ति उसे देकर उसे अपने पैरों पर खड़ा करता है। 
अब अनामिका अपने भाई से, " मुझे पापा की सम्पत्ति में से अपना हिस्सा चाहिए"
" देखो जीजी मेरी तीन बेटियां हैं, और पापा की सम्पत्ति भी कुछ इतनी ज्यादा नहीं, ईश्वर का दिया आपके पास सब कुछ है, अगर मैं आपको आधा हिस्सा दो दूं तो मेरे लिए तीनों बेटियों की परवरिश मुश्किल हो जाएगी" 

लेकिन अनामिका को पैसे की हवस कोर्ट तक ले जाती है।
और वो अपनी ननद सुजाता से जिसे बेदखल करवाया था अपने पिता की सम्पत्ति से, अब उसके हाथ- पांव जोड़ती है कि उसका केस ले और उसके भाई से पैतृक सम्पत्ति में से हक दिलवाए।
सुजाता, " भाभी हर बेटी और बेटे का बराबर हक होता है पैतृक सम्पत्ति पर, लेकिन क्षमा करें आपको ये ये हक मैं नहीं दिलवाऊंगी। सरकार ने कानून पास किया है पिता पर आश्रित बेटियों के लिए, ना कि लालची बेटियों के लिए, जैसे आपने किया हम दोनों बहन-भाई को बेदखल कराया और सबकुछ होते हुए भी अपने भाई को हिस्से के लिए परेशान करना कहां का न्याय है, भाभी अगर पापा मुझे देते तो भी मैं कुछ नहीं लेती इश्वर की कृपा से मेरे पास सब कुछ है, लेकिन आपने ठीक नहीं किया‌ आप ने कानून का ग़लत उपयोग किया है, आप जैसी बेटियां ही दूसरी ज़रूरत मंद बेटियों के लिए भी पथरीले रास्ते बनाती है, उनके लिए अभिशाप बन जाती हैं! 
और इस तरह सुजाता ने अनामिका का केस नहीं लिया ।

प्रेम बजाज, 
जगाधरी ( यमुनानगर) 













1         यदि आप स्वैच्छिक दुनिया में अपना लेख प्रकाशित करवाना चाहते है तो कृपया आवश्यक रू से निम्नवत सहयोग करे :

a.    सर्वप्रथम हमारे यूट्यूब चैनल Swaikshik Duniya को subscribe करके आप Screen Short  भेज दीजिये तथा

b.      फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Swaichhik-Duniya-322030988201974/?eid=ARALAGdf4Ly0x7K9jNSnbE9V9pG3YinAAPKXicP1m_Xg0e0a9AhFlZqcD-K0UYrLI0vPJT7tBuLXF3wE को फॉलो करे ताकि आपका प्रकाशित आलेख दिखाई दे सके

c.       आपसे यह भी निवेदन है कि भविष्य में आप वार्षिक सदस्यता ग्रहण करके हमें आर्थिक सम्बल प्रदान करे।

d.      कृपया अपना पूर्ण विवरण नाम पता फ़ोन नंबर सहित भेजे

e.      यदि आप हमारे सदस्य है तो कृपया सदस्यता संख्या अवश्य लिखे ताकि हम आपका लेख प्राथमिकता से प्रकाशित कर सके क्योकि समाचार पत्र में हम सदस्यों की रचनाये ही प्रकाशित करते है

2         आप अपना कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि पूरे विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो के साथ हमारी मेल आईडी swaikshikduniya@gmail.com पर भेजे और ध्यान दे कि लेख 500 शब्दों  से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा

3         साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधिब्यूरो चीफरिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।

4         अपने वार्षिक सदस्यों को हम साधारण डाक से समाचार पत्र एक प्रति वर्ष भर भेजते रहेंगे,  परंतु डाक विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से आप तक हार्डकॉपी हुचने की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। अतः जिस अंक में आपकी रचना प्रकाशित हुई है उसको कोरियर या रजिस्ट्री से प्राप्त करने के लिये आप रू 100/- का भुगतान करें