खतरनाक होती कॅरोना की तीसरी लहर,बच्चो को बचाना हमारा कर्तव्य।

भारत में कॅरोना की दूसरी लहरअभी खत्म नहीं हुई है। और तीसरी लहर का आसन संकट हमारे सामने आकर खड़ा हो गया है। तीसरी लहर में बच्चों तथा युवा को अतिरिक्त सावधानी पूर्वक सहेजना होगा। भारत में अब तीन लाख से ज्यादा कोविड-19 की तीसरी लहर से संक्रमित लोग हो गए हैंl और उसका 70% केरल राज्य में ही संक्रमित लोग पाए गए हैंl केरल राज्य प्रशासन की 2 माह पूर्व एक छोटी सी गलती के कारण जब उन्होंने एक त्यौहार में एक हफ्ते की खुली छूट देकर बाजार तथा पर्यटन स्थल खोल दिए थे।जिसका परिणाम वहां कोविड-19 की तीसरी लहर का विस्फोट हुआ था ।एक दिन में ही 23 हजार संक्रमित लोग पाए गए थेl अब वहां निरंतर 23, 24 हजार मरीज सरोज संक्रमित पाए जा रहे हैंl केरल में प्रशासन शासन तो सतर्क है,पर एक बार संक्रमित व्यक्ति पांच लोगों को संक्रमण कर देता है ।ऐसे में वहां स्थिति नियंत्रण से बाहर होते जा रही हैl अब केरल में नई परेशानी का सबब कोविड-19 का नया वायरस सिपाह बन गया हैl इस वायरस से एक बच्चे की मृत्यु हुई है, और इस से संपर्क में रहने वाले 20 लोग सिपाह से ही संक्रमित पाए गए हैl केरल की स्थिति चिंताजनक है। केंद्र शासन भी वहां सहायता के लिए हर तरह संभव प्रयास कर रही हैl इसी तरह पूरे देश में ताजा सूचना के अनुसार कल यानी 5 सितंबर को 40,हजार से ज्यादा संक्रमित लोग पाए गए हैंl किसी तरह मुंबई,दिल्ली,हैदराबाद, कोच्चि,कोलकाता,मद्रास में कभी भी कोविड-19 के संक्रमण कि किसी लहर की विस्फोटक स्थिति बन सकती हैl विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की लगातार चेतावनी देने के बाद भी यदि हम नहीं समझते हैं, तो यह हमारी ही जिम्मेदारी हैl यहां एक व्यक्ति का सवाल नहीं है,एक व्यक्ति संक्रमित होता है, तो वह अपने परिवार में 5 लोगों को संक्रमित करता है।ऐसे में संक्रमण की स्थिति की भयावता का आप अंदाजा लगा सकते हैंl न्यूज़ एजेंसी के अनुसार सिपाह वायरस बच्चों तथा युवा लोगों को ज्यादा संक्रमित करता है ।एवं इसकी संक्रमण की तीव्रता डेल्टा वैरीअंट से कहीं ज्यादा हैl और संक्रमण का घनत्व भी ज्यादा लिए हुए होता हैl ऐसे में यह संक्रमण पूरे देश में फैलने की आशंका हो सकती हैl अमेरिका, ब्रिटेन इजराइल दक्षिण अफ्रीका ब्राजील, इंडोनेशिया,थाईलैंड, म्यांमार आदि देशों में यह संक्रमण तेजी से फैला हैl इंडोनेशिया जनसंख्या के हिसाब से विश्व में चौथे नंबर का देश है। वहां करोना के तीसरी लहर की स्थिति अत्यंत विस्फोटक है। वहां ऑक्सीजन सिलेंडरों की बहुत कमी है। इलाज करने वाले डॉक्टर भी बड़ी संख्या में संक्रमित पाए गए हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है, वहां की सरकार टेंट लगाकर मरीजों का इलाज निरंतर कर रही है। इसके अलावा वहां मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर खुद लेकर आना पड़ता है,तब जाकर स्थाई तथा अस्थाई हॉस्पिटल में प्रवेश दिया जाता है। इंडोनेशिया, मलेशिया तथा म्यानमार में लगभग कुल 2लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत में भी करोना की तीसरी लहर की स्थिति निरंतर मेट्रोपॉलिटन सिटी से लेकर देश राज्यों की राजधानी में भी चिंताजनक बनी हुई है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पहले से ही करोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश,असम में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन हालातों में राज्य सरकारों,केंद्र सरकार समाजिक संगठनों एन,जी,ओ को फिर से सक्रिय होकर वैक्सीनेशन की रफ्तार को लगभग दुगुना करना होगा। तब जाकर हम इससे निजात पा सकेंगे। अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस,कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में 60 साल से ऊपर वरिष्ठ नागरिकों को तीसरा बूस्टर डोज लगाने की तैयारी है। वहीं दूसरी तरफ भारत में इतनी विशाल जनसंख्या में अभी तक पहला डोज पूरी जनसंख्या को नहीं लग पाया है। भारत में लगभग 70 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन हो पाया है। और इतने ही लगभग वैक्सीनेशन के लिए कतार में लगे हुए हैं। इन परिस्थितियों में बुजुर्गों को तीसरे बूस्टर डोस देने की कल्पना करना बेमानी है। देश में जब सभी लोगों को कोविड-19 का इंजेक्शन लग जाएगा तब जाकर बूस्टर डोस की कल्पना की जा सकती है। वर्तमान परिस्थितियों में हम सबको अत्यंत सावधान होकर विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा भारत देश के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी गई गाइडलाइंस यानी दिशा निर्देश का अक्षर से पालन कर मास्क लगाकर ,आपस में पर्याप्त दूरी रख,भीड़-भाड़ से दूर रहकर बारंबार हाथ धोने होंगे, तब जाकर हम संक्रमण से बच पाएंगे। वैसे सबसे कारगर उपाय वैक्सीन लगवाना ही है। भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार को बहुत ज्यादा तेज करने की आवश्यकता होगी। विगत दिनों भारत देश को अमेरिका और इजरायल, ब्रिटेन, कनाडा आदि ने दूसरी लहर में वैक्सीन भेजकर मदद की थी। और लगातार मदद करने का वादा भी किया है। ऐसे में भारत को विशेष सतर्कता रखकर ज्यादा वैक्सीनेशन का प्रयास किया जाना चाहिए। अन्यथा इतने बड़े विशाल देश में केरल राज्य की तरह किसी भी राज्य की विस्फोटक की सूचना किसी भी दिन समाचार पत्रों, टीवी चैनल, तथा मीडिया के माध्यम से मिल सकती है। जो ज्यादा खतरनाक होगी। इस दौरान बड़े शहरों में स्कूल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। स्कूल कॉलेज को खोलना भी कम खतरनाक नहीं होगा। इससे संक्रमण का खतरा नौनिहालों और युवा पीढ़ी पर हो सकता है। कोविड-19 का तीसरा आक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों और युवा पीढ़ी पर होने वाला है। अतः विशेष रूप से इन सब को सचेत कर स्वास्थ्य संगठनों के दिशा निर्देश का पालन करने की हिदायत देकर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। तब ही जाकर हम आने वाली पीढ़ी को इस भयानक संक्रमण से बचा सकेंगे।













         संजीव ठाकुर
         छत्तीसगढ़

1         यदि     आप स्वैच्छिक दुनिया में अपना लेख प्रकाशित करवाना चाहते है तो कृपया आवश्यक रूप से निम्नवत सहयोग करे :

a.    सर्वप्रथम हमारे यूट्यूब चैनल Swaikshik Duniya को subscribe करके आप Screen Short  भेज दीजिये तथा

b.      फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Swaichhik-Duniya-322030988201974/?eid=ARALAGdf4Ly0x7K9jNSnbE9V9pG3YinAAPKXicP1m_Xg0e0a9AhFlZqcD-K0UYrLI0vPJT7tBuLXF3wE को फॉलो करे ताकि आपका प्रकाशित आलेख दिखाई दे सके

c.       आपसे यह भी निवेदन है कि भविष्य में आप वार्षिक सदस्यता ग्रहण करके हमें आर्थिक सम्बल प्रदान करे।

d.      कृपया अपना पूर्ण विवरण नाम पता फ़ोन नंबर सहित भेजे

e.      यदि आप हमारे सदस्य है तो कृपया सदस्यता संख्या अवश्य लिखे ताकि हम आपका लेख प्राथमिकता से प्रकाशित कर सके क्योकि समाचार पत्र में हम सदस्यों की रचनाये ही प्रकाशित करते है

2         आप अपना कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि पूरे विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो के साथ हमारी मेल आईडी swaikshikduniya@gmail.com पर भेजे और ध्यान दे कि लेख 500 शब्दों  से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा

3         साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधिब्यूरो चीफरिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।

4         अपने वार्षिक सदस्यों को हम साधारण डाक से समाचार पत्र एक प्रति वर्ष भर भेजते रहेंगे,  परंतु डाक विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से आप तक हार्डकॉपी हुचने की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। अतः जिस अंक में आपकी रचना प्रकाशित हुई है उसको कोरियर या रजिस्ट्री से प्राप्त करने के लिये आप रू 100/- का भुगतान करें