अलका अरोड़ा और उमेश प्रभाकर ने सजाया हृदयांगन संस्था का कवि सम्मेलन



( स्वैच्छिक दुनिया ):- सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्था हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था(पंजीकृत)मुंबई ने हिन्दी दिवस पर्व पर राष्ट्रीय कविसम्मेलन दिनांक रविवार 19 सितंबर 2021 पर मनाया जिसमें मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे ( महाराष्ट्र), नई दिल्ली,  देहरादून, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और कानपुर से 24 लोकप्रिय कवि कवयित्रियों ने हिन्दी दिवस समारोह को हिन्दीमय कर दिया ।।समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि सुप्रसिद्ध श्रीमदभागवत कथा प्रवक्ता और मानस मर्मज्ञ श्री श्रीकृष्ण द्विवेदी साहित्यरत्न साहित्याचार्य एवं संस्था के मानद संरक्षक ने हिन्दी को देववाणी संस्कृत की सरल स्वरूप बताते हुये हृदयांगन संस्था द्वारा स्वतंत्रता महोत्सव की पूर्व संध्या पर आयोजित कविसम्मेलन मे सभी आमंत्रित कवियों को हृदयांगन द्वारा अभिज्ञान शाकुन्तलम सम्मान 2021 उपाधि दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा  इस महान ग्रन्थ  के महत्व पर प्रकाश डाला। आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी महाराज जो स्वयं एक अच्छे कवि है उनके ओजस्वी प्रबोधन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हृदयांगन के इस अनूठे कविसम्मेलन की शुरूआत बिजनौर के कवि रमेशचन्द्र महेश्वरी राजहंस जी की सरस्वती वंदना से हुयी। तत्पश्चात कानपुर से संतोषी दीक्षित, डा0 कमलेश शुक्ला कीर्ति, सीमा वर्णिका,  डा0 अजीत सिंह राठौड़ लुल्ल कानपुरी रश्मि अनामिका  नई दिल्ली से ऐश्वर्य त्रिपाठी मुजफ्फरनगर से पूजा अग्रवाल सहारनपुर से डा0 स्वाति सागर  पुन:बिजनौर से रमेशचन्द्र महेश्वरी राजहंस नवी मुंबई से तनूजा चौहान मुंबई से श्री हौशिला प्रसाद अन्वेशी जी शारदा प्रसाद दुबे शरतचंद्र उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर नागेंद्र नाथ गुप्त डा अरूण प्रकाश मिश्र अनुरागी   ओम प्रकाश सिंह  सदाशिव चतुर्वेदी मधुर कवि एव पत्रकार श्रीविनय दीप शर्मा  डा0  विधुभूषण विद्यावाचस्पति उन्नाव उत्तर प्रदेश से राजेश वर्मा  एवं देहरादून से डा0 अलका अरोड़ा एवं श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी मंजू जी ने अपनी कविताओ से सबका दिल जीत लिया। हिन्दी के इस  गंगास्नान में गोते लगाते हुये कविगण एवं गूगल मीट पर जुड़े सैकड़ो श्रोताओ में और आनंद की श्रीवृद्धि हो गयी जब संस्थाध्यक्ष विधुजी ने बताया कि अनंत चतुर्दशी यानि आज के दिन कानपुर में उनका जन्म हुआ था ।फिर क्या था सभी उपस्थितो ने संस्थाध्यक्ष को शुभकामनाओ भरी कविताओं से उन पर ऐसी अमृत वर्षा की कि ऐसे  अद्भुत स्नेह से अभीभूत विधुजी की आंखे आनंद से सजल हो गयी जब नवी मुंबई की सुप्रसिद्ध कवियत्री और धननिरंकार संस्था की प्रचारिका तनूजा चौहान ने उन्हे अंकल  जैसे आत्मीय पारिवारिक संबंध में बांध दिया।।विधुजी ने सभी कवियो का  और आचार्य जी तथा कार्यक्रम अध्यक्ष अन्वेशी जी को इन स्नेहिल शुभकामनाओ और आशीर्वाद के लिये आभार व्यक्त किया।। सुप्रसिद्ध छन्द सम्राट कवि राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रधानाचार्य श्री रामेश्वर प्रसाद जी द्विवेदी प्रलयंकर जी जो हृदयांगन संस्था के संरक्षक भी है उन्होने लम्बी कार यात्रा के दौरान कार्यक्रम सुना और शुभकामनायें भी दी।।

इस विशेष कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन हृदयांगन संस्था की उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यक्रम संयोजक डा0 अलका अरोड़ा जी ने  देहरादून से तथा दूसरे सत्र का संचालन हृदयांगन के महासचिव उमेश चंद्र मिश्र प्रभाकर जी ने मुंबई से किया। संचालको के उत्कृष्ट संचालन से प्रभावित हुये आचार्य श्री ने संस्था की ओर सम्मान प्रमाण के साथ उन्हे  मानद राशि प्रदान की ।।

अन्त मे आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी जी मुख्य अतिथि श्री हौशिला प्रसाद अन्वेशी जी मंचासीन अध्यक्ष,  उपस्थित संरक्षक श्रीमती विद्युत प्रभा मंजू जी श्री रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी जी प्रलयंकर जी और सभी आमंत्रित कवियो तथा साहित्य रसिक श्रोताओं   का हृदयतल से आभार व्यक्त  करते हुये तथा श्रोताओ मे श्रीमती धारा त्रिपाठी अनुपम शुक्ला राजेन्द्र पंत  मनीषा पंत मनोज गोयल अरूण तिवारी सरोजिनी तिवारी  आशीष त्रिवेदी अभिषेक यशू  डा0 रचना पाण्डेय आदि आदि ने गूगल मीट पर अपनी सार्थक टिप्पणियों से कार्यक्रम मे चार चांद लगा दिये।

हृदयांगन संस्थाध्यक्ष विधुभूषण त्रिवेदी ने इस अवसर पर आचार्य श्रीकृष्ण द्विवेदी के करकमलो से हिन्दी का शंखनाद ध्वनित करने वाले सभी कविओ को राष्ट्रभाषा हिन्दी गौरव सम्मान, 2021 से सम्मानित करते हुये डा अलका अरोड़ा संस्था की कार्यक्रम संयोजक से ऐसे कार्यक्रमो की रूपरेखा बनाने और उन्हे आयोजित करने का अनुरोध किया जिससे विद्यार्थियो मे बेटियो मे नारियो मे और आज नई पीढी के सुकुमारों को प्रेरणा तथा संस्कार मिल सके। यही हृदयांगन काछ विजन और मिशन है। तत्पश्चात साढे चार घंटे चले इस कविसम्मेलन को विराम सधन्यवाद आभार  सहित विराम दिया ।।


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