ये कैसा फ़ैसला
या तो पुष्पा गानेड़ीवाला पागल है या तो मनोरोगी, वरना एक प्रताड़ित लड़की के हक में सकारात्मक फैसला देने की बजाय स्त्री जाति को आहत करने वाला ऐसा हल्की कक्षा का फैसला हरगिज़ ना देती। ये तो वही बात हुई कि मर्दों आगे बढ़ो पूरी छूट है आपको, कपड़े से ढ़की लड़कीयों पर आपका पूरा-पूरा हक है, उनके किसी भी अंग…