ग़ज़ल
गर सनम बा ख़बर नहीं होती। ज़ेर रहती ज़बर नहीं होती। लोक नायक जो हुक़्मरां होते, ज़िन्दगी पुर ख़तर नहीं होती। फिरनतकलीफ़दिलकोहोतीकुछ, गर नज़र बद नज़र नहीं होती। उस घड़ी दिल उदास होता है, जब दुआ बा असर नहीं होती। आप गर साथ में रहे होते, ज़िन्दगी दर ब दर नहीं हो…