एक सजीव चित्रण है : डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ
एक सजीव चित्रण है : डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ ------------------------------ ------------------------------ -------- संपादक अतुल मल्लिक ‘अनजान’ जी के श्रेष्ठ सम्पादन में प्रकाशित डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ एक सजीव चित्रण है | 392 पृष्ठों से सजा आकर्षक मुखपृष्ट सहित डॉ. पी. पी. सिन्हा…
Image
*राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल में अहम भूमिका निभाएंगी* 
*राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल में अहम भूमिका निभाएंगी*    __________________________    राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा प्रकाशित द्विभाषी किताबों की सीरीज  आकर्षक , उत्कृष्ट एवं नयनाभिराम तो है ही,पाठ्यसामग्री की दृष्टि से  बेजोड़ भी है। पत्रिका …
Image
सुनो जगत अनुनय संदेश
सुनो जगत अनुनय संदेश धनुष उठाओ  हे अवधेश                           संत कबीर की उक्ति "दु:ख में सुमिरन सब करै...." आज भी प्रयोजन युक्त है। दुखिया है कौन! कबीर बाबा बताते हैं कि, ".......दुखिया दास कबीर है....."। अर्थात् जो समाज के बारे में सोचेगा, वह सामाजिक अवमूल्यन देखकर दुखी अ…
Image
राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल विकास में अहम भूमिका निभाएंगी
*राज्य शिक्षा केंद्र म.प्र. द्वारा प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकें बच्चों के भाषा कौशल विकास में अहम भूमिका निभाएंगी*       राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा प्रकाशित द्विभाषी किताबों की सीरीज  आकर्षक , उत्कृष्ट एवं नयनाभिराम तो है ही,पाठ्यसामग्री की दृष्टि से  बेजोड़ भी है। पत्रिका का उन्नत स्तर देखकर …
Image
अवसरवाद पर घातक प्रहार का अचूक आयुध है, "आका बदल रहे हैं"
अवसरवाद पर घातक प्रहार का अचूक आयुध है, "आका बदल रहे हैं"                  डॉ अवधेश कुमार अवध   न केवल साहित्य समाज का दर्पण होता है बल्कि समाज की दिशा और मानक भी साहित्य द्वारा ही निर्धारित होता है। इसके साथ ही यह कठोर सत्य भी स्वीकार करना होगा कि समाज के प्रभाव से साहित्य अछूता नहीं रह …
Image
पुस्तक समीक्षा : द्वन्द
पुस्तक समीक्षा   कृति:- द्वन्द लेखक:- आशुतोष कुमार झा प्रकाशक:- प्रखर गूँज, नई दिल्ली मूल्य:-225/- पृष्ठ:-124 समीक्षक:- डॉ. राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित"    पटना के युवा रचनाकार कवि आशुतोष कुमार झा ने अपने द्वन्द काव्य संकलन में सामाजिक समस्याओं को अपनी कविताओं का विषय बनाते हुए भ्रष्टाचार भ…
Image
परिधि के उस पार  काव्यसंग्रह का विमोचन
इटावा की शिक्षिका युवा कवयित्री एवं लेखिका ज्योति अग्निहोत्री 'नित्या' द्वारा रचित "परिधि के उस पार" ई-काव्यसंग्रह का भव्य ऑनलाइन लोकार्पण समारोह दिनांक 31 मई 2020 को "विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत" के तत्वावधान में जय-जय काव्यचित्र शाला के भव्य दिव्य आयोजन  में किया गया।कार…
Image
धूप-छाँव लेखक : उदय राज वर्मा ‘उदय’
पुस्तक समीक्षा पुस्तक शीर्षक : धूप-छाँव लेखक : उदय राज वर्मा ‘उदय’ मूल्य : 250 रूपये प्रकाशक : द इंडियन वर्डस्मिथ, पंचकुला धूप-छांव- एक प्रेमपरक पूर्ण अनुभूति है धूप-छांव; काव्य संग्रह के रचयिता कविवर उदयराज वर्मा ;उदय; का जन्म मल्लिक मोहम्मद जायसी की धरा अमेठी (उत्तरप्रदेश) में होलिका दहन के पावन …
Image
मौसम बदलना चाहिए
मेरी वर्षों की साहित्यिक साधना आज आपके समक्ष एक नए काव्य- संकलन के रूप में प्रस्तुत है। इसे सौंपते हुए अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।      इस संग्रह की रचनाओं में विभिन्न मानवीय रिश्तों की सूक्ष्मतम संवेदनाओं की जानी-पहचानी सी महक महसूस की जा सकेगी। साधारण तौर पर देखें तो हमारे रिश्तों की बुनियाद …
Image
उजाले का परचम
यूं तो हज़ारों चिराग साहित्य की ज़मीन को अपने फन के फूलों से महका रहे हैं और हर किसी का अपना-अपना एक खास मकाम भी है। लेकिन फैजुल हसन "फैज़' की कोशिश ने भी। आज के युग के सिंहासन पर जिस तरह से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है वो भी बहुत प्रशंसनीय है। मैं फैजुल को तकरीबन बीस-पच्चीस वर्षों से जानता ह…
Image
'एक टुकड़ा आज'
आज समाज में जो घटित हो रहा है। साहित्यकार समाज का एक हिस्सा होने के नाते वो सब कुछ देख रहा है इस घटनाक्रम को अपनी कल्पना के साथ मिलाकर रचनाकार एक नये ढंग से देश दुनिया के सामने रखने की कोशिश करता है। ‘एक टुकड़ा आज' में शामिल रचनायें मौजूदा वक्त का आईना है। उसमें समाज की समस्त अच्छाइयां और बुराइ…
Image
वाल्मीकियोंके अदम्य साहस की साक्षी पुस्तक – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान
जो कुछ भी वर्तमान में घट रहा है, उसका एक इतिहास अवश्य है| इतिहास को वर्तमान का आधार भी कहा जाता है| किसी प्राणी का इतिहास अगर स्वर्णिम है तो वर्तमान को भी उज्ज्वल बनाने की कोशिश जारी रहती है| अतीत मानव को सम्बल और साहस प्रदान करता है| इतिहासवर्तमान के लिए एक प्रयोगशाला है| जिसमें वर्तमान को जाँचा औ…
Image
'अँधेरे भी उजाले भी' (गीत-संग्रह)
गीतकार हरीलाल 'मिलन' की रचनाधर्मिता से मैं लगभग बीस वर्षों से परिचित हूँ जब इनका प्रथम खण्ड-काव्य ‘परित्यक्ता' प्रकाशित हुआ। मैने इसकी समीक्षा भी की है। खण्ड काव्य से ही सिद्ध हो गया कि मिलन जी के छन्द अनुशासनबद्ध हैं। गीत की संरचना में छंद का विशेष महत्व होता है जबकि हर समय वह एक-सा नह…
Image