स्वर्णिम उजाले नेह के
मेरा विश्वास मुझे आश्वस्त करता है कि यदि रुदन नवजात की प्रथम क्रिया है तो गीत के प्रति औत्सुक्य और वह भी आह्लाद मिश्रित; शिशु की जाग्रत अवस्था की प्रथम पहचान है। सम्भवतः रोना और गाना दोनो ही ऐसी क्रियाएं हैं जो हर प्राणी में प्रकृतितः उपलब्ध हैं । स्वर भले ही गीतानुरूप न हों, माधुर्य भले ही न हो कि…