एक चादर
बस एक चादर सी बन बिछती रही सदा तेरे लिए, कभी मन से, कभी बेमन सी, ना जाना कभी तुने मेरे अहसासों को, मेरे दिल में पनाह लेते अरमानों को। लाल, पीली, हरी , नीली रंग जानकर आए तुम पास मेरे,  खद्दर, सिल्क, रेयान, काॅटन कभी लिनन जान तुमने सहलाया मुझे,मेरा अपना क्या वजूद ये तो कभी भी जान ना पाए तुम, क्या रंग…
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सेहत के प्रति जागरूकता उम्र में बीस साल बढ़ोतरी
आजकल इंसान कई बीमारियों का शिकार होते मौत से पहले ही मर रहे है। कैंसर, किडनी खराब होना और हार्ट अटेक अब मलेरिया और शर्दी खांसी की तरह आम बीमारीयां हो गई है।  अच्छी सेहत के लिए अच्छा, पौष्टिक और साफ़ सुथरे तरीके से बनाया गया खाना ही ताउम्र तनमन को स्वस्थ रखता है। आजकल दूषित खाना खाने की वजह से बहुत …
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आज इंसान सूखा जंगल है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर निराला साहित्य समूह प्रयागराज के तत्वाधान में ऑनलाइन विशिष्ट काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें भोपाल के मशहूर ग़ज़लकार देवेश देव के मुख्य आतिथ्य में देश के मशहूर रचनाकारों ने काव्य-पाठ किया। सुप्रसिद्ध गीतकार संजय सिंह भोपाल ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। व…
कोविड की लहर बनी रिश्तों पर कहर
जब से कोरोना का कहर आरंभ हुआ है संसार में लोगों के रिश्तों में और दूरियाँ आती जा रही हैं । कोविड की वजह से जैसे जैसे लॉकडाउन बड़ता जा रहा है वैसे ही लोगों का आपस में मिलना जुलना कम होता जा रहा है । धीरे धीरे संप्रेषण मे कमी से अपने ही अपनों से दूर होते दिख रहे हैं । “पहले उन्हे करना चाहिए” की वजह स…
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