वैचारिक स्वतंत्रता,सिद्धांतों को कुचला या दबाया नहीं किया जा सकता।
विचार और सिद्धांत व्यक्ति के अंदर की अतः प्रज्ञा होती है। और यह सिद्धांत तथा अंतः विचारधारा जनमानस तक पहुंचने से बाधित किया जाए अंतरात्मा को प्रभावित करती है और इसके गहरे प्रभाव से व्यक्ति वह सब कर सकता है जो बिना मार्गदर्शन के व्यक्ति नहीं कर सकता। प्राचीन काल से अब तक वैचारि…
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यह कैसा विकास है?
विगत 2 वर्षों से संपूर्ण विश्व के लोग लगभग अपने घरों में कैद हैं| इस वैज्ञानिक युग में सभी सुविधाएं होने के बावजूद, तीव्र यातायात के साधन उपलब्ध होने के बाद भी लोग अपनी मनपसंद जगहों पर घूमने नहीं जा पा रहे हैं कहने को तो हमारे पास आज बेहतरीन बहुमंजिला और आधुनिक सुख सुविधाओं से संपन्न स्कूल, कॉलेज औ…
विवाह
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन एवं अनेको विदेशी विद्वानों ने भारतीय संस्कृति की भूरी-भूरी प्रसंशा की।  विश्व विख्यात कला-समीक्षक हेवल के अनुसार," प्राचीन हो या आधुनिक किसी भी दूसरे राष्ट्र ने संस्कृति का इतना उच्च निर्माण नहीं किया, कोई भी धर्म जीवन दर्शन बनाने में इतना सफल नहीं हुआ, को…
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बचपन में धर्म के संस्कार पड़ते हैं युवावस्था में धर्म होता है : आचार्य विमदसागर
बचपन   में   धर्म   के   संस्कार   पड़ते   हैं ,   युवावस्था   में   धर्म   होता   है।   संसार   में   सब   प्रकार   के   जीव   होते   हैं   धर्म   करने   वाले   भी   होते   हैं   और   कर्म   करने   वाले   भी   होते   हैं।   कोई   जीव   पुण्य   कर्म   का   फल   भोगता   है   और   कोई   जीव   पाप   …
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