धर्मांधता से कब बाहर निकलेगा समाज
क्यूँ पढ़े लिखे लोग भी तथाकथित बाबाओं के बहकावे में आ जाते है? क्यूँ ये नहीं सोचते की नियति ने जो लिखा होगा आपके भाग्य में वो होकर रहेगा। ज़िंदगी परेशानी और तकलीफ़ों का नाम है। तकलीफ़ से घबरा कर ज्योतिष और बाबाओं के शरण में जाकर झूठे विधि विधान में पड़कर ऐसे पाखंडियों को बढ़ावा देते हो जिनको खुद अपन…
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अंतःकरण को उज्जवल करने का सशक्त माध्यम है किताबें ।
महात्मा गांधी ने कहा है कि पुराने वस्त्र पहनों पर नई पुस्तकें खरीदोl उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तकों का मूल्य रत्नों से अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अंतःकरण को उज्जवल करती हैंऔर सच्चाई भी यही है कि पुस्तकें सुख और सच्चाईयों का भंडार होती है। जिन्होंने पुस्तके नहीं पढी हैं या जिन्हें पुस्तक पढ़ने में रू…
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शरद पूर्णिमा का धार्मिक ही नहीं,वैज्ञानिक महत्व भी है।
यूं तो हर माह पूर्णिमा होती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व कुछ और ही है। हिंदू पुराणों के अनुसार माना जाता है कि शरद पूर्णिंमा की रात को चांद पूरी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन चांदनी सबसे तेज प्रकाश वाली होती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत गिरता है। ये किरणें सेहत …
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