बेवफ़ा
आज मेरी ज़िंदगी में एक ऐसा दौर आया है जिसमें में अपने प्यार, अपने पति जो एक वक्त मेरा सबकुछ था उसे दिल से बद दुआ देते हर रोज़ कोस रही हूँ। नफ़रत करती हूँ इतनी हद तक कि उसका चेहरा याद आते ही थूँक देती हूँ। जिसको पाने के लिए एक दिन दुआ मांगती थी, व्रत रखती थी, मंदिरों की दहलीज़ पर मन्नतों के धागे बा…