एक -दूजे का सहारा बन जाएंगे
उ म्र सत्तर के पार होगी, चेहरे पे ना वो ताब होगी, बालों में सफेदी होगी, कानों पे रखी चश्मे की डंडी होगी। थोड़ी-थोड़ी त्वचा पे दिखती झुर्रियां होगी, माथे पे भी कुछ सिलवटें दिखती होंगी, चलना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा, कुछ वजन भी तो बढ़ जाएगा। फुर्तीली वैसी ना रहेगी, रूक-रूककर ही ये सांस चलेगी, भारी पन…