निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता की दुआ कर जगत छोड़ गए विनोद दुआ
पत्रकार विनोद दुआ जन्म 11 मार्च 1954 को नई दिल्ली के एक रिफ्यूजी कॉलोनी में हुआ था ।विनोद दुआ की शुरुआती परवरिश दिल्ली की रिफ्यूजी कॉलोनियों में हुई।उनके माता-पिता 1947 में आजादी के बाद खैबर पख्तूनख्वा से दिल्ली आए थे। विनोद दुआ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक…
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बस हार ही हुई है मेरी ,अभी हारा नहीं हूँ मैं ।
जो भी करें ,जोश के  साथ करें , याद रखना बुरे दिन सदा नहीं रहते हैं ,सुनिश्चित करें कि विपत्तियां हमें तोड़े नहीं बल्कि हमारी आंतरिक शक्तियों को जगाएं । हर विरोध एवं दुर्भाग्य व आलोचना का सामना भी हम हिम्मत से करें तथा धैर्यवान बने रहे, दृढ़ निश्चय वाले व्यक्ति कभी भी आसानी से हार नहीं मानते जब तक ह…
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विनम्रता,सज्जनता कोई कमजोरी नही, वीरों का आभूषण,श्रेष्ठ सद्गुण हैं।
भारत की संस्कृति प्रागैतिहासिक काल से विनम्रता,सदाशयता और सज्जनता की रही है। महात्मा गांधी ने स्वयं कहा है कि पापी को नहीं पाप को नष्ट करना चाहिए। समाजीकरण की प्रक्रिया में मानवता का प्रथम कदम विनम्रता के साथ शुरू हो तो सफलता उसके कदम चूमना शुरु करती है। विनम्रता मनुष्य के जीवन का वह सद्गुण है जो उ…
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