गांव
आधुनिकता की चकाचौंध ने, गांव को भी नही बख्शा। संस्कृति के अवमूल्यन से, गांव का भी बदला है नक्शा। रात के दो सुबह के नो, खाना-पीना और सोना। यार डैडी मॉम जैसे संबोधन, पर मां बाप को आता है रोना। मोबाइल टीवी ने बदली है, बच्चों की पुरी जिंदगी। छोटी-छोटी बातों पर, आत्महत्या की देते है धमकी। तकनी…