हमीद के दोहे
जनता  का  हक़  मार  कर , सजवाते  दरबार। सत्ता   में   आते   नहीं,  कभी    दूसरी    बार। जिनके  ज़हनों  में  बसा, नफरत  का  शैतान। उनको कह  सकते नहीं, हरगिज़  हम इन्सान। मानवता  की  चीख सुन, शासक  रहता मौन। आग लगाकर खुश बहुत,धरती का फिरऔन। किसी व्यक्ति से चाहते,रखते जब कुछ आस। पूरा   होता   जब  कहीं…
Image
ईद मुबारक !!
कागा ने बंधवाई मुझको , मीठी सी उम्मीद ,  आ सकता है मिलने साजन , हो सकती है ईद ! आज सुबह से फड़क रही है आँख दाहिनी वाली अभी तलक तो गया नही यह शगुन कभी भी खाली देहरी पर धर दी है हमने , नयन , नयन की नीद आ सकता है मिलने साजन , हो सकती है ईद !  शब्द शब्द में प्रार्थना के मैंने मांगा उसको ताबीजों के संग …
धूप है बहुत चलने का वादा तो करो।
धूप है बहुत चलने का वादा तो करो। भीड़ है निकल आने का इरादा तो करो।। सो जाऊगा गहरी नींद पल दो पल। सपनो में आने का,दावा तो करो।। जमाना ऐसा ही है,ऐसा ही रहेगा। थोड़ा मुस्कुराने में इजाफा तो करो।। मजबूर नहीं करते,साथ चलने को। पायल छनकाने का वादा तो करो।। बेरंग,बेनूर जिंदगी क्यों जिए हम। प्यार के रंगों का…
Image