दान से इस भव में यश, पर भव में सुख मिलता है
अनुग्रह की भावना अर्थात् स्वयं अपना और दूसरे के उपकार की भावना से धनादि द्रव्यों का त्याग दान है। दान देने से दाता को पुण्य संचय होता है यह स्वोपकार है तथा जिन्हें दान दिया जाता है उसके सम्यग्ज्ञान आदि की वृद्धि होती है यह पर का उपकार है। और दान की विधि विशेष, दान में दिया गया द्रव्यविशेष, दान दाता…