भव राम की
राम का जीवन, राम सी काया, राम सखा हो, राम सी माया। श्वास  राम हो, आस राम हो, भास राम हो, उल्लास हो राम। जीवन के हर कण  में, चंचल मन के अंतिम प्रहर में राम का नाम , राम सा काम। हर युग के रावण को, करेंगे नष्ट , बस राम ही राम। सुंदर,मनहर अंतर्मन में, विचरण करें सबरी के राम। राम, राम थे, राम रहेंगे, चा…
बढ़ता भारत घटती इंसानियत
जनाब ये बढ़ता हुआ भारत है जहां खाद्य तेल 200 डीजल पेट्रोल 110 और रसोई गैस1000 न हो तो भारत का नाम कैसे रौशन होगा ।चाय दुकान पर एक सज्जन ने यह बात बडे अदब से कही न्यू इंडिया धनवान हो गया है ।जहां की जीडीपी 7•5 से लगातार घटकर दो ढाई पर है।  नये भारत की रहन सहन बदल गयी है बोलने के अंदाज बदल गये हैं आख…
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दशहरा अर्थात् दस बुराईयों का हरण
"विजयादशमी गा रहा,धर्म,नीति के गीत।      आओ हम केवल रखें,सदाचार से प्रीत।।"      विजयादशमी‘ हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। इसे ‘दशहरा‘ भी कहते हैं। सभी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। विजयादशमी का संबंध ‘शक्ति’ से है। जिस प्रकार ज्ञान के लिए सरस्वती की उपासना की जाती है उसी प्रकार शक्ति के…
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