(पुस्तक समीक्षा) कहानियां सुनाती दादाजी की चौपाल

 


कहानियां सभी को अच्छी लगती है। दादी सुनाती है तो ओर भी लुभाती है । बोर हुई तो बच्चों को सुलाती है । मगर, कहानियाँ भाती और लुभाती सभी को है। कारण, इन में सरलता, रोचकता और सरसता कूट-कूट कर भरी होती है।


'दादाजी की चौपाल'- ऐसी ही कहानियों का अनमोल खजाना है । इस पुस्तक में 19 कहानियां संग्रहित है। जिस के कहानीकार ललित शौर्य स्वयं एक रोचक, प्रेरक और बालसुलभ जिज्ञासाओं से परिपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी हैं। पेशे से इंजिनियर कहानीकार की इस प्रवृतियों को इन कहानियों में महसूस किया जा सकता हैं।


संग्रह की पहली आमुख कहानी -'दादाजी की चौपाल' सीधी, सरल और सहज भाषा में लिखी गई कहानी है. यह कहानी दादाजी के माध्यम से सरस, सरल और प्रभावोत्पादक रूप से उन की उपयोगिता सिद्ध करती है. यह कहानी बच्चों को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है।


'हनी बी की होशियारी'- कहानी बच्चों में होशियारी को प्रतिपादित करने में सफल रही है । वही 'मौहल्ले की बैशाखी'- बच्चों को अपनी प्रकृति के अनुसार अमूल्य निधि को सहेजने की सीख देती है।


'मैं भी फौजी बनूंगा', ' हैप्पी मदर्स डे', ' सकारात्मक सोच का जादू', ' किट्टू कबूतर की होशियारी', ' साधु महाराज की सीख', ' सफलता के सूत्र' और ' दादाजी की सीख' कहानियां अपने शीर्षक को सार्थक करते हुए बच्चों को बहुत कुछ सीख देती है. ये कहानियों बच्चों में किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति करते हुए भाव,  भाषा,  शैली और कथ्य की दृष्टि से बेहतरीन बन पड़ी है ।


वही 'जंगल पार्टी', ' कन्नू और कक्कू', 'पृथ्वी के रक्षक', अप्रैल फूल डे पर सबक',  'प्रियांशी को बुखार', 'फास्टफूड का कीड़ा', 'धरती रही पुकार', आदि कहानियां बच्चों को कार्यकुशलता से कार्य करने, व्यवहार में कुशलता लाने के साथसाथ कई उद्देश्य की पूति करते हुए बच्चों को अच्छा संदेश देती है।


कुल मिलाकर सभी कहानियां बच्चों के भाव और उन की अपेक्षाओं के अनुरूप बेहतरीन व सारगर्भित है । प्रगतिशील शैली में लिखी गई कहानियाँ उपयोगिता,  रोचकता,  सरलता,  सहजता व नवीनता समेटे हुए हैं ।


आकर्षक साज-सज्जा व त्रुटिहीन मुद्रण ने पुस्तक की उपादेयता में वृद्धि की है । सुंदर व आकर्षक रेखाचित्र के साथ सुंदर छपाई, सफेद कागज व आकर्षक मुखपृष्ठ के साथ बच्चों के लिए बहुत सुंदर कृति प्रकाशित की गई है। आधुनिक रूप से अंग्रेजी मिश्रित हिंदी में लिखित कहानी आजकल के बच्चों की भाषानुकुल कथ्य को प्रस्तुत करती हैं ।


58 पृष्ठों की संपूर्ण रंगीन पृष्ठों की पुस्तक का मूल्य ₹160 रचनाओं और पुस्तक की गुणवत्ता के हिसाब से वाजिब है। इस पुस्तक को अपने बच्चों के स्वस्थ मनोरंजन, बेहतर भावी नागरिक गुणों के विकास, आनंद और पाठ्यगतिविधि की वृद्धि के लिए बच्चों को खरीद कर देना चाहिए। इस पुस्तक को बच्चे अवश्य पसंद करेंगे ।


 



 


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