हुल्लड़ न्यूज़ की होली कवरेज़  (हास्य-व्यंग्य)
 होली पर हुल्लड़ न्यूज़ चैनल की स्पेशल रिपोर्ट के तहत आइए देश -विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में होली के हुड़दंग की कवरेज देखते है इंडिया की एकमात्र चैनल हुल्लड़ न्यूज़ पर। कैमरामैन धृतराष्ट्र के साथ लाइव कवरेज़ हमारे संवाददाता तुतमलंगा चौरसिया की है।

आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख रहे है पाँच विभिन्न क्षेत्रों की लाइव कवरेज। 

                   पहली तस्वीर जो आपके टीवी स्क्रीन पर आ रही है वो किसी हनुमान मंदिर की नहीं बल्कि बदनाम आदमी पार्टी कार्यालय का है।

जहाँ बदनाम आदमी पार्टी कार्यालय में काफी उमंग और उल्लास का माहौल नजर आ रहा है।बड़े से मंझोले साइज वाले कार्यकर्ता भांग के नशा में झूम रहे है।

मुफ्तलाल और छिछोरिया साहब भांग पर भांग गटक रहे हैं।

लेकिन ये क्या जैसा कि हमारे दर्शक देख पा रहे हैं पार्टी कार्यालय में फगुआ या जोगीरा सा रा रा रा की जगह हनुमान चालीसा का भजन चल रहा है।

सभी लोग एक दूसरे को रंग गुलाल की जगह लाल लाल सिंदूर लगा रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे बदनाम आदमी पार्टी के कार्यालय में होली नहीं बल्कि हनुमान जयंती हो! इनकी भक्तिमय स्थिति से प्रभावित हमारे संवाददाता इन भक्तों से ना कुछ पूछने की स्थिति में हैं और ना ये भक्त बताने की स्थिति में!

 बहरहाल विधान सभा चुनाव की तरह हनुमान जी की कृपा इनके पार्टी और पाॅकेट पर बनी रहे  इन्हीं मंगलमय कामनाओं के साथ हम अपने दर्शकों को लिए चलते हैं सीधा तौहीन बाग!

                अपने टीवी स्क्रीन पर जो दुसरी तस्वीर आपको नजर आ रही है वो चर्चित राष्ट्रीय धरना स्थल तौहीन बाग की है।जहाँ से हवा में उड़ रहे रंग और गुलाल नजर आ रहे हैं संभवतः यहाँ होली का त्यौहार प्रेम और सदभावना पूर्वक मनाई जा रही है चलिए हम आपको लिए चलते है सीधा तौहीन बाग की होली में!

आप देख पा रहे हैं कि हमारे संवाददाता तुतमलंगा प्रसाद शाहीन बाग में प्रवेश करने की अनुमति माँग रहे हैं! 

 "हम अंदर आकर आपसे बात करना चाहते हैं"

"लेकिन हमे आपसे कोई बात नहीं करनी" भीड़ से एक साथ कई आवाज़ आई।

संवाददाता-"लेकिन आप पत्रकार परवरिश जी से तो बात किए और उन्हें बिरयानी भी आॅफर किया"!

"अंधेर रंगरसिया को धकियाए भी हैं चले जाइए यहाँ से........."हमारे संवाददाता के तर्क से खिसियाते हुए भीड़ से ध्वनिमत द्वारा उद्घोष हुआ।

"अच्छा तो इतना बता दीजिए आपलोग हिंदु का होली पर्व मना रहे हैं तो अल्पसंख्यक हिन्दु की वापसी का विरोध क्यों!"संवाददाता डेढ़ मीटर की दूरी मैंटेन करते हुए पूछ बैठा।

"कौन सा पर्व भाई! हम तो होली नहीं खेलते"!

तो फिर ये रंग गुलाल!

अरे इ तो हम एक महीना पहले से उड़ा रहे हैं! हमारे हितैषी और शुभचिंतक पार्टी की दिल्ली में वापसी जो हो गई"।

संवाददाता-तो आपको लगता है इनके आने से एनआरसी और एनपीआर नहीं आएगा"!

कैसे रिपोर्टर है जी आप! जब पाँच साल में ये लोकपाल नहीं ला सकें तो एनआरसी कैसे आने देंगे....... अब निकलिए इहाँ से हमारे बिरयानी लंच का टाइम हो गया है"!

रिपोर्टर "ये बिरयानी कहाँ से आता है इतना बता दीजिए"!

अब ज्यादा भचर भचर मत किजिए और निकलिए यहाँ से नहीं तो पत्रकार अंधेर रंगरसिया की तरह आपका भी जोगीरा सारा रा रा कर देंगे.......।

माहौल बिगड़ता देख हमारे संवाददाता तौहीन बाग से कैमरा दबा कर निकल चुके हैं।

                     टीवी स्क्रीन पर तीसरी तस्वीर में जैसा कि आप देख पा रहे हैं राष्ट्रीय फुल पार्टी  (अप्रैल फुल वाला नहीं) के दफ्तर में मनाई जा रही भगवा होली का दृश्य है!


कार्यकर्ता एक दूसरे को भगवा रंग लगाकर बड़ी खामोशी से गले मिल रहे हैं।ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उल्लास वाली होली की बजाए मातम वाला मुहर्रम पर्व मनाया जा रहा हो!

झारखंड के बाद दिल्ली वाली गर्लफ्रेंड से मिली बेवफाई से पुरी पार्टी आहत है!

मोटा भाई कलरलेस हैं तो साहब बेसलेस!

हीं हीं हीं हीं हँसने वाले रिंकिंया के पापा गमगीन मुद्रा में बैठे हैं।।होली का भोजपुरी गाना भी बंद है।फगुआ और भगुआ दोनो उदास है।संभवतः दिल्ली की स्थिति ने दिल को तोड़ दिया है।

चौथी तस्वीर सुशासन प्रदेश की है यहाँ भी माहौल गमगीन सा  है।शराब बंदी के बाद इस प्रदेश में होली पर्व लुप्त होने के कगार पर है।तथापि कुछ जगहों पर लोग गांजा,कफ सीरप आदि वैकल्पिक नशा के जोश में ढोल पीटते हुए होली एंजॉय करते नजर आ रहे हैं तो नेताजी आगामी चुनाव को लेकर छाती पीटते नजर आ रहे हैं।चाचा शराब बंदी, हरियाली आदि पर मानव श्रृंखला बनाते दिख रहे हैं तो भतीजा-बंधु अपने पारिवारिक श्रृंखला के साथ वापसी की जुगाड़ में लगे हुए हैं।

              पांचवी तस्वीर अवध प्रदेश की है जहाँ योगी जी कमलासन रथ पर सवार होकर भगवा गुलाल उड़ाते हुए राम मंदिर निर्माण करवाने अयोध्या जाते दिख रहे है। उनके रथ से बंधे भोंपू पर "होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा"स्लो मोशन में बज रहा है।


पीछे से हाथी पर सवार पिचकारी लिए मायावती एवं कीचड़ की बाल्टी लिए साइकिल का पैडल मारते हुए अखिलेश चिल्लाए  "जोगी जी धीरे-धीरे"

तो पीछे से  बाइक पर आ रहे भक्तों ने बुआ भतीजा पर कीचड़ उडेलते हुए  सामूहिक रूप से उद्घोष किया "जोगी जी वाह जोगी जी"।

                          हुल्लड़ होली की और भी कई तस्वीरें हम आपको दिखाएंगे एक छोटे से ब्रेक के बाद तबतक आप आधार कार्ड से हुल्लड़ न्यूज़ को लिंक कर बने रहिए हमारे साथ।




                            विनोद कुमार विक्की 



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