"बरखा,बादल,बिजली,पानी पावस केआयाम-नीलम खरे
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मंडला--"मंथन साहित्यिक संस्था" के तत्वाधान में गत दिवस को "कवयित्री गोष्ठी--प्रथम चरण " का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ सलमा जमाल ,मुख्य आतिथ्य श्रीमती मीना भट्ट ,सरस संचालन श्रीमती रचना श्रीवास्तव व्दारा किया गया । सरस्वती वंदना श्रीमती कविता नेमा ने की।इस गोष्ठी में विभिन्न शहरों की चुनिंदा कवयित्रियों ने अपनी खूबसूरत रचनाओं की प्रस्तुति दी। सुप्रसिध्द कवयित्री डॉ नीलम खरे,श्रीमती निर्मला तिवारी "निर्मल", श्रीमती डॉक्टर मुकुल तिवारी ,श्रीमती मीना भट्ट, श्रीमती डॉक्टर संध्या जैन श्रुति, श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, श्रीमती डॉ अरुणा पांडे ,श्रीमती मधु कौशिक, श्रीमती सुमित्रा श्रीवास्तव,श्रीमती ममता जबलपुरी ने काव्य पाठ किया। डॉ.नीलम खरे (मंडला)का गीत " सावन" बेहद सराहा गया -"बरखा,बादल,बिदली,पानी,पावस के आयाम,शीतल-मंद समीर, फुहारें, सब सावन के नाम ।।"आभार प्रदर्शन - श्रीमती रजनी कोठारी जी द्वारा किया गया।