तालिबान हुआ और खतरनाक, बनाई बम हमलावरों की आत्मघाती बटालियन l

अब तालिबानियों ने आत्मघाती बम हमलावरों की खतरनाक बटालियन बनाई है जिसे सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात किया जाएगाl अफगानिस्तान में कब्जे के बाद और उनके राज कायम होने पर तालिबानी आतंकवादियों के हौसले अब बुलंदी पर हैंl वर्तमान में इन्हें ताजीकिस्तान के सीमावर्ती इलाके पर मुस्तैदी से तैनात किया जाएगा इन्हें खासतौर पर बदख्शां इलाके में रखा गया है, उस प्रांत के उप गवर्नर मुल्ला निसार अहमद ने जानकारी दी है कि इन खतरनाक आत्मघाती दस्ते को अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके में तैनात कर रखा जाएगा। काबुल की न्यूज़ एजेंसी के अनुसार बटालियन का नाम "लश्कर ए मंसूरी" होगा। लश्कर ए मंसूरी को देश की सीमाओं पर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनाती की जाएगी। यह बटालियन पिछली अफगान सरकार के सुरक्षा बलों के खिलाफ आत्मघाती हमले करेगी। उप गवर्नर अहमद ने बताया कि अगर यह आत्मघाती दस्ते ना होते तो अमेरिका को जीत पाना बहुत कठिन काम हो जाता, आत्मघाती दस्तों के सैनिकों द्वारा ही अमेरिका को अफगानिस्तान से खदेड़ा गया है। यह आत्मघाती हमलावर विस्फोटकों से भरी जैकेट पहनकर बिना किसी भय और डर के अपने लक्ष्य को तबाह करने की क्षमता रखेंगे। लश्कर ए मंसूरी के अलावा एक अन्य बटालियन को भी सीमावर्ती इलाके में तैनात किया गया है जिसका नाम "बद्री 313" है। यह बटालियन भी बहुत ही खतरनाक एवं खूंखार लड़ाकों से भरी हुई है लश्कर ए मंसूरी एवं बद्री 313 दोनों सेनाओं के पास अत्यंत आधुनिक हथियार होने के कारण इन्हें एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इनके पास वे सभी हथियार और उपकरण हैं जो किसी कमांडो दस्ते के पास होते हैं। इन कमांडो दस्तों के बारे में बताया जा रहा है कि यह अत्यंत प्रशिक्षित है और अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियारों से सुसज्जित है। इन दोनों बटालियन के पास बेहद घातक अमेरिकी M4 राइफल बॉडी आर्मर, नाइट विजन डिवाइस, बुलेट प्रूफ जैकेट और हथियारों से भरी हुई ह्मवि बख्तरबंद गाड़ियां है। यह दोनों बटालियन एके-47 के साथ नजर आती हैं। परंपरागत तालिबानी फाइटर जहां पगड़ी पहनकर युद्ध कर रहे हैं वहीं बद्री बटालियन तथा मंदसौर बटालियन खतरनाक एके-47 का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही ये कमांडो हेलमेट तथा काला चश्मा पहले दिख रहे हैं और सलवार सूट की जगह सैनिकों की वर्दी पहने दिखाई देते हैं। इन सैनिकों को देखकर लगता है कि यह तालिबानी है या किसी देश की सेना के कमांडो हैं। तालिबानी शासकों द्वारा खतरनाक आत्मघाती बम हमलावर का बटालियन बनाने का सीधा सीधा मतलब आतंकवादी गतिविधियों को सीमा पर अंजाम देने का हो सकता है। निश्चित तौर पर ये आई, एस, आई की निगरानी में सब किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत को चीन पाकिस्तान के अलावा तालिबान से भी जम्मू कश्मीर में खतरा बढ़ गया है। हो सकता है भारत की सेना को भविष्य में दो तीन मोर्चों में लड़ाई लड़नी पड़े। तालिबान के आतंकवादी आत्मघाती दस्ते बनने से भारत की सीमा की चौकसी बढ़ा दी गई है। यह आत्मघाती बम हमलावर निश्चित तौर पर पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू कश्मीर सीमा के अंदर आने का भरपूर प्रयास करेंगे जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है,हालांकि चीन अभी आर्थिक व्यवस्था एवं बिजली संकट से गुजर रहा है। चीन में बिजली संकट के कारण उसके उद्योगों का उत्पादन लगभग 45% खत्म हो गया है। उल्लेखनीय है कि चीन में पत्थर के कोयले से बिजली का निर्माण किया जाता है और चीन में कोयले की कमी के कारण बिजली का उत्पादन 50% कम होने से उनके कारखाने बंद हो गए है। चीन का उपभोक्ता सामान पूरे विश्व में उपभोक्ता सामान जैसे मोबाइल टीवी सीमेंट उद्योग कपड़ा उद्योग इलेक्ट्रॉनिक सामान एवं अन्य रोजमर्रा की चीजों का निर्यात एशिया दक्षिण अफ्रीका यूरोप अमेरिका एवं ब्रिटेन में किया जाता है। इन परिस्थितियों में चीन भारत पर हमला करने की कोशिश नहीं करेंगा। पर चीन के राष्ट्रपति की महत्वाकांक्षा सदैव एक डिक्टेटर बनने की रही है और वह विस्तार वादी मंसूबे का व्यक्ति है, ऐसे में अपनी आर्थिक स्थिति खराब होते हुए भी भारत के लद्दाख तथा अरुणाचल प्रदेश में लगातार अपनी वायु सेना के लड़ाकों को भारत की ओर भेज रहा है। पाकिस्तान की अंदरूनी हालत बहुत खराब है वह भी इन परिस्थितियों में युद्ध करने की स्थिति में नहीं होगा। तालिबानियों द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने पर पाकिस्तान बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह बहुत प्रसन्न है। उधर अमेरिका पाकिस्तान से बहुत ज्यादा नाराज होने से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री एवं उसका मंत्रिमंडल दहशत में भी है। भारत लगातार अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी के साथ किन परिस्थितियों में सामंजस्य बनाने की एवं मौके पर मदद करने की बातचीत में मजबूर है। भारत को पाकिस्तान अफगानिस्तान तथा चीन से लगी हुई सीमाओं पर ज्यादा चौकसी तथा सतर्कता की आवश्यकता होगी। धोखेबाज पाकिस्तान और चीन की नियत कभी भी भारत के प्रति साफ नहीं रही है ऐसे में तालिबानियों का दोनों को साथ मिल जाना भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। भारत की जल,थल तथा वायु सेना इतनी सक्षम तो है ही कि वह विदेशी हमलावर को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार भी है। यदि वार्ता से शांतिपूर्वक हल निकलता है तो यह वैश्विक शांति के लिए बेहतर होगा।













     संजीव ठाकुर
     छत्तीसगढ़

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