मंत्री जी के स्वागत- सम्मान व उन्हें प्रसन्न करने के लिए कार्यक्रम आयोजकों ने तमाम तामझाम किए थे । हजारों लोगों को बुलाया, उनके खाने-पीने के लिए व्यवस्थाएं की गईं । कुंतलों कूड़ा कचरा उत्पन्न हुआ । चारों ओर प्लास्टिक के दोना, पत्तल, गिलास, बोतलें बिखरे पड़े थे ।मंत्री जी आये और आते ही उन्होंने स्वच्छता पर भाषण देना शुरू कर दिया - ‘साथियों ! महात्मा गांधी का कहना था कि आजादी से भी ज्यादा जरूरी है स्वच्छता । स्वच्छता से हम स्वयं बचेंगे और हमारा पर्यावरण भी बचेगा । स्वच्छता से गांवों व शहरों को आदर्श बनाया जा सकता है । आप लोगों को पता होना चाहिए गंदगी से बीमारियां फैलती हैं । हमें प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए ।’ मंत्री जी माथे का पसीना पोंछते हुए एक बोतल पानी गटक गए । मंत्री जी अपना लम्बा-चौड़ा भाषण झाड़कर उड़न खटोले से हवा हवाई हो गये । और अपने पीछे छोड़ गये स्वच्छता का महान कार्य... जिसे नगर निगम के सफाई कर्मी लगातार कई दिनों से निपटाने की कोशिश कर रहे हैं ।
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