"तारीफ नहीं कर पाऊँगा"
प्रशंसा हर व्यक्ति को, अति मन-भावन लगता है!. तप्त जेठ प्रशंसा शब्द सुन, सुंदर सावन लगता है!!. सुन प्रशंसा शुष्क मन, सुमन-बाग खिल जाता है!. दुखी हृदय को भी, मानो स्वर्ग सुख मिल जाता है!!. तुम तो सिर्फ एक मित्र नहीं, ह्रदय में मेरे रहते हो!. हर धड़कन के साथ रगों में, लहू रूप में बहते हो!!. स्व-हृदय प…