व्यंग आलेख
आजकल रचना के अधिकार पर बड़ी बहस हो रही है। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि रचनाये दो प्रकार की होती है एक होती है स्वरचित।  इस प्रकार की रचनाओं के लिए कवि का रचनात्मक होना आवश्यक है इन रचनाओं को करने के लिए रचनाकार को भाव सागर के तल तक जाकर नए विचारों के मणिक तलाशने पड़ते हैं।  और दूसरी प्रकार की रचना हो…
Image
टैगोर
बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर, मानवतावादी के प्रचारक टैगोर, शास्त्रीय संगीत से प्रभावित मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंग जिसने दिखाए, गुरूदेव की उपाधि जो पाए वो थे रविन्द्र नाथ टैगोर। 7 मई 1861 को पिता देवेन्द्र नाथ और माता शारदा देवी के घर कलकत्ता में बंगाली परिवार में जन्मे टैगोर,  श्री लंका, बंगलादे…
Image
दुनिया है तलवार दुधारी
सीख ले दुनियादारी निर्मल  जंग पड़ी है सारी निर्मल। दुनिया वालों से क्या बतलाना अपनी हर लाचारी निर्मल। संभल के रहना पल-प्रतिपल दुनिया है तलवार दुधारी निर्मल। मन में है विश्वास तो इक दिन  जीतेगा तू बाजी हारी निर्मल । नोच खाने को सब आतुर हैं मत रख सबसे यारी निर्मल। खा जाएगी तुझको इक दिन  सच बोलने की…
Image