हिंदी ही तो मान बढ़ाती है।
अंग्रेजी की नासमझी हिंदी करवाती  हिंदी ही तो हमारा मान बढ़ाती है।। सपाट हाईवे सी अंग्रेजी जब ऊपर से गुजर जाती ,  गांव की पगडंडी की याद हिंदी ही तो दिलाती है।। जाने क्यों वह सौतन सी लगती है अपनो में हिंदी ही तो याद आती।। वो मगरूर, बहुत गुरूर में लगती है  हिंदी तो मुझे सदा सुरूर में लगती है।। वो बेस्…
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हिंदी हैं हम वतन हैंl
हिंदी भाषा हमारा मान और अभिमान है, हिंदी राष्ट्र का वैभवशाली गौरव गान है। हिंदी देश की गंगा -जमुनाई स्वाभिमान है, हिंदी पर न्योछावर हर दिल और जान है। हिंदी भारत के माथे की चमकती बिंदिया है। हिंदी देश में बहती पवित्र गंगा नदिया है। हिंदी पर आओ शीश झुकाए,करें नमन, हिंदी ही है लताएं, फूल, बगिया और चमन…
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माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं
मेरी देह का बढ़ता ताप जब कभी ज्वर का रूप धारण करता माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं | तुम्हारी कोमल हथेलियाँ स्पर्श करती तपते माथे को तुम जान लेतीं मेरे देह के उच्च-निम्न ताप को, थर्मामीटर की आवश्यकता फिर कहाँ रहती माँ ! तुम कैसे भाँप लेतीं | औषधियाँ भी हार जाती दहकती देह से, वैध होते जब संदेह में, तब ठण्ड…
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हिन्दी
नयेअब गुल खिलाना चाहती है। ये खुलकर मुस्कुराना चाहती है। दिलों में  घर  बनाना  चाहती है। नहीं  कोई   ख़ज़ाना  चाहती है। शिकायत हर मिटाना चाहती है। सियासत  को  हराना चाहती है। नहीं कुछ भी  पुराना चाहती है। नये  नग़मे   सुनाना  चाहती है। अदावत को मिटाना चाहती है। समयअच्छा बिताना चाहती है। जहां को जगम…
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