शबनमीं चेहरा है,या धुला चाँद हैl
शबनमीं चेहरा है,या धुला चाँद है, साथ हो तुम तो,ज़र्रा ज़र्रा चाँद है । नकाब से जरा निकला तुम्हारा चेहरा, हंगामा कर दिया,ये तो ईद का चाँद है। शाइर ने कहा ये इश्क का अंजाम है, आशिक़ शरमाया,आशिकी का चाँद है। लिख दी गुलफाम पर बेहतरीन ग़ज़ल, उसने कहा ये पूरा चौदवी का चाँद है चंदा भरमाया गजब ये इक नया चाँद है…