शबनमीं चेहरा है,या धुला चाँद हैl
शबनमीं चेहरा है,या धुला चाँद है, साथ हो तुम तो,ज़र्रा ज़र्रा चाँद है । नकाब से जरा निकला तुम्हारा चेहरा, हंगामा कर दिया,ये तो ईद का चाँद है। शाइर ने कहा ये इश्क का अंजाम है, आशिक़ शरमाया,आशिकी का चाँद है। लिख दी गुलफाम पर बेहतरीन ग़ज़ल, उसने कहा ये पूरा चौदवी का चाँद है चंदा भरमाया गजब ये इक नया चाँद है…
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बेवफ़ा
आज मेरी ज़िंदगी में एक ऐसा दौर आया है जिसमें में अपने प्यार, अपने पति जो एक वक्त मेरा सबकुछ था उसे दिल से बद दुआ देते हर रोज़ कोस रही हूँ। नफ़रत करती हूँ इतनी हद तक कि उसका चेहरा याद आते ही थूँक देती हूँ।  जिसको पाने के लिए एक दिन दुआ मांगती थी, व्रत रखती थी, मंदिरों की दहलीज़ पर मन्नतों के धागे बा…
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ग़ज़ल
बात  गर  थी  कोई   बताते तो। काम  बिगड़ा  मगर  बनाते तो।   तेज़   रफ्तार   हो   गयी  होती, शर्त   तूफान   से   लगाते  तो।   हक़  से महरूम फिर नहीं होते, हक़ ज़रा सा  अगर जताते तो।   किरकिरी इस कदर नहीं होती, कर के वादे  न  भूल जाते तो।   फिरइलेक्शन न हारतेहरगिज़, बढ़ती मँहगाई  रोक पाते  तो।   सर न …
आर्मापुर पी.जी. कालेज के प्रेक्षागार में हिन्दी दिवस, हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित किया गया।
( स्वैच्छिक दुनिया ) :- प्रत्येक वर्ष की तरह आर्मापुर पी.जी. कालेज के प्रेक्षागार में हिन्दी दिवस, हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी डी.बी.एस. कालेज, कानपुर, वरिष्ठ साहित्यकार धारा प्रवाह व्याख्यान देने में दक्ष प्रो. शिव कुमार दीक्ष…
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