हिंदी और गोलगप्पा !!
मैं आपसे सौ प्रतिशत सहमत हूं। इस देश में हिंदी गोलगप्पा ही है । केवल एक पखवाड़े की भाषा । वह भाषा जिसे देश में कोई बोलना नही चाहता । जिसमें कोई न पढ़ना चाहता है , न पढाना । दरिद्रता की भाषा , शर्म की भाषा , लाचारों की भाषा , बेचारों की भाषा । हिंदी वर्जन फॉलोज का देश है यह , और वह हिंदी वर्जन आता र…