हिंदी और गोलगप्पा !!
मैं आपसे सौ प्रतिशत सहमत हूं। इस देश में हिंदी गोलगप्पा ही है । केवल एक पखवाड़े की भाषा । वह भाषा जिसे देश में कोई बोलना नही चाहता । जिसमें कोई न पढ़ना चाहता है , न पढाना । दरिद्रता की भाषा , शर्म की भाषा , लाचारों की भाषा , बेचारों की भाषा । हिंदी वर्जन फॉलोज का देश है यह , और वह हिंदी वर्जन आता र…
कानपुर टैक्स सेमिनार सम्पन्न।
( स्वैच्छिक दुनिया ) कानपुर :- मर्चेन्ट् चेम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश् आल इण्डिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रेक्टिशनर (नार्थ जोन), कानपुर इन्कम टैक्स बार एसोसियेशन, कानपुर चार्टेड एकाउण्टेन्ट्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से एकदिवसीय कानपुर टैक्स सेमिनार का आयोजन किया गया। टैक्स गोष्ठी का उद्घाटन इलाहाबाद उच्च न…
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जिंदादिल इंसान
खुशनसीब है वो लोग जो खुशियां बांटते हैं। मोहब्बत का राग और मोहब्बत के गीत सब को सुनाते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता उनको कि लोग उनको हँसाते हैं या फिर रुलाते हैं। वो बस चेहरे पर हल्की-हल्की मुस्कान लिए जिंदगी बिताते हैं। वो नहीं देखते कि राह में फूल पड़े हैं या फिर चुभते कांटे, वो बस मस्ती के आलम में ख…
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