इक्कीसवीं सदी में मोबाइल,
सूचना क्रांति का नया अवतार।
पूरी दुनिया को इक पल में जोड़े,
सचमुच है अद्भुत! अविष्कार।।
ज्ञान, विज्ञान, दर्शन,साहित्य,
मोबाइल से हमें पता चले।
सृष्टि के रहे जो गूढ़ रहस्य,
क्षण में उसका हल मिले।।
मोबाइल लाभदायक सिद्ध हुआ,
पर इसने थोड़ा तो नुकसान किया।
लोगों के घर आना जाना भी,
दोस्तों से मिलना जुलना बंद किया।।
पहले हाल चाल नाते रिश्ते में,
चिठ्ठी लिख कर दिया करते।
अब मोबाइल से ही सुख दुःख,
झट पट पता हैं चलते।।
सबसे ज़्यादा मोबाइल का,
बच्चों पर दुष्प्रभाव हुआ।
पढ़ने लिखने व खेल कूद में,
बच्चों का मन लगना बंद हुआ।।
घंटे घंटे भर मोबाइल लेकर,
बच्चे गेम खेलते रहते हैं।
जब पढ़ने की बात कहो,
बच्चे जल्द न सुनते हैं।।
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल खेल,
बच्चे खेलना अब कम कर दिए।
मोबाइल में ही गेम लोड कर,
खेलने पर अब ज़ोर दिए।।
अपने घर में ही अब लोग,
आपस में न बातें करते हैं।
जिसको देखो वही घर में ही,
मोबाइल से चिपके रहते हैं।।
लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
बस्ती(उत्तर प्रदेश)