सपनों के सच होने तक (पुस्तक परिचय)
हिंसक और क्रूर होती जा रही वर्तमान दुनिया में साहित्य और कला के लिए बहुत ज्यादा स्थान नहीं है फिर भी कविताएं हमेशा

सबके लिए और हर जगह लिखी जाती रहेगी क्योंकि कविता हर दौर में आम आदमी की पीड़ा, रोमानियत, मज़लूमों के संघर्ष और हर आतंक-अन्याय के खिलाफ़ सशक्त आवाज़ बन कर खड़ी होती है।

साहित्य असाधारण ही नहीं, साधारण का भी प्रतिनिधित्व करता है और करता रहेगा। श्री राजकुमार जैन 'राजन' की कविताएं पढ़ते हुए ऐसी ही अनुभूति होती है। उनकी कविताएं सुख और दुःख दोनों को साझा करती हैं, दिलों को जोड़ती हैं जिसका प्रमाण पाठकों की अभिरुचि और प्रतिक्रियाएं हैं। श्री 'राजन' की 51 कविताओं का संकलन 'सपनों के सच होने तक' शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है। नए संग्रह की सभी कविताएं अनेक संभावनाएं संजोये हुए हैं। मैं इस संकलन के भी लोकप्रिय होने और अधिकाधिक पाठकों से जुड़ने की कामना करता हूं।

उमेश सक्सेना

 


 



  • किसीभी प्रकार की खबर/रचनाये हमे व्हाट्सप नं0 9335332333 या swaikshikduniya@gmail.com पर सॉफ्टमोड पर भेजें

  • स्वैच्छिक दुनिया समाचार पत्र की प्रति डाक से प्राप्त करने के लिए वार्षिक सदस्यता (शुल्क रु500/- ) लेकर हमारा सहयोग करें

  • साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधिब्यूरो चीफरिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें8318895717 पर संपर्क करें।

  • कृपया यह ध्यान दे की कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि 500 शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा