पर्यावरण दिवस के एक सप्ताह बाद विधायक जी को अपने घर आमंत्रित करके बड़े जोश के साथ सारे अखबारों की कटिंग और न्यूज़ चैनलों की फुटेज दिखा कर हेमन्त बड़े जोश में बता रहा था।
'सर देखिए हर जगह आप ही आप नज़र आ रहे हैं।,
अब अगली बार आपको सांसद बनने से कोई रोक नही सकता।
आज खबरे दिखाकर हेमन्त बहुत खुश था। पर्यावरण दिवस पर एक हज़ार पेड़ दान किये थे उसने।
शहर के सबसे बड़े चौराहे पर बड़ा सा टेंट लगाकर अपने क्षेत्र के पार्षद और विधायक को बुलाकर उनके सम्मान में जलपान का भी प्रबन्ध था। पूरे चौराहे पर केवल प्लास्टिक के गिलास और प्लेटें नज़र आ रहे थे। छुट्टा जानवर आकर भोजन की तलाश में वही प्लास्टिक के प्लेट -गिलास खा रहे थे,पर किसी का ध्यान नही जा रहा था। बस सब खुश थे कि कार्यक्रम में जितना सोचा था उससे भी अधिक लोगों ने शिरकत की थी। पांचसौ से ज्यादा तो कार वाले ही आये थे।जो पैदल आये थे ,उन्हें भी पेड़ दिया होता तो दो हज़ार पेड़ बंट जाते,पर उन्हें देने से क्या फायदा होता,वो ले जाते तो अपने दरवाजे लगाते और सेवा करते हरियाली होती तो हमारा व्यापार कैसे चलता। कार वाले ले जाएंगे तो कुछ लोग कार में ही छोड़ देंगे जब सूख जाएगा तो ड्राइवर निकाल कर बाहर फेंक देगा। कुछ लोग अपने गमले में लगवा देंगे और उचित वातावरण न मिलने पर कुछ दिन में अपने आप दम तोड़ देगा। कुछ सज्जन अपनी सज्जनता का परिचय देते हुए अपने पास के पार्क में लगा आएंगे और दोबारा पलट कर भी नही देखेंगे कि पानी डाला गया कि नही। एकाध समझदार अपने दरवाजे सड़क पर लगवा देँगे और शौक़-शौक़ में दो-चार दिन पानी डालेंगे, फिर बीवी -बच्चों को उत्तराधिकारी बना देंगे और वो लोग एक दूसरे के लिए खुद ही सोच लेंगे की उसने डाल दिया होगा।
इन सबके बीच पेड़ बेचारे अपनी किस्मत को कोसेंगे।
सभी समाचार पत्रों के दुकानदार प्रेस नोटऔर लोकल टीवी चैनलों के व्यापारी वीडियो लेकर जा चुके थे वो अपने असिस्टेंट को समझारहा था कि जो प्रेस नोट पर लिखाहुआ है उसको टाइप करके सारी फोटोज के साथ फ़ेसबुक पर पोस्ट कर दो और वाट्सएप के सारे ग्रुप्स में शेयर कर दो। फ़ेसबुक के हर कमेंट पर तुरन्त रिप्लाई देना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कमेंट करे। इंट्राग्राम ,ट्विटर ,हाइक, इमो कोई भी सोशल मैसेंजर छूटना नही चाहिए।
भले ही स्टॉफ के दो -चार लोगों को और साथ मे लगा लो।
तभी किसी चैनल से फोन आया कि "आज बहुत ज्यादा खबरें हैं आज हम आपकी खबर नही दिखा सकते ,आज डीएम, एसएसपी महापौर,सांसद, विधायक सभी ने वृक्षारोपण किया है और इन सबको नही दिखाएंगे तो हमारे चैनल की टीआर पी नही बढ़ेगी और इन लोगों की कृपा भी बहुत ज़रूरी है हमारे चैनल को फलने फूलने के लिए। "हेमन्त याचना भरे स्वर में बोला, जो लेना हो और ले लो पर खबर ज़रूर आनी चाहिए,हम कई लोगो को बता चुके हैं, हमारी इज़्ज़त का कबाड़ा हो जाएगा।"
दोनो तरफ से सौदेबाज़ी शुरू हो गयी और पूरा स्टॉफ प्रसिद्धि के सौदागर को सौदा करते देख कर हतप्रभ था। सौदागर का सौदा पक्का हो गया। खबर नमक मिर्च के साथ चैनल पर चला दी गयी।खबरें तो छप गयी पर पेड़ कितने ज़िंदा हैं इसकी खबर लेने वाला कोई नही था।
सुषमा सिंह
कानपुर
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