बदलाव प्रकृति का नियम है


चाहे वह नेतृत्व हो,राजनीति हो या जीवन का कोई अन्य क्षेत्र बदलाव प्रकृति का नियम है।जहां बदलाव नहीं है वहां जड़ता आ जाती है।वहां के लोग अकर्मण्य हो जाते हैं।जिससे शासक निरंकुश हो जाता है।रक्षक भक्षक बनने लगते हैं।अर्थव्यवस्था हिचकोले खाने लगता है।कुव्यवस्थाओं का दौर शुरू हो जाता है।किसान,मजदूर,कर्मचारियों को सताया जाने लगता है।राजकीय सम्पत्ति कौड़ी के भाव पूंजीपतियों के पास या तो बेच दिया जाता है या गिरवी रख दिया जाता है।तथाकथित बुद्धिजीवी पद,पैसा और पुरस्कार के लिए शासक वर्ग के पीछे पीछे चापलूसी करते फिरने लगते हैं।सर्वत्र बेकारी, बेरोजगारी, महंगाई का असर दिखाई देने लगता है। लेकिन शासन लोगों को भावनात्मक मुद्दों की ओर मोड़ने की कोशिश में जुड़ जाता है।जनता को जाति धर्म में बांटकर अपना उल्लू सीधा किया जाता है।
शिक्षा से गरीबों को दूर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त करने लगते हैं।आम लोग रोटी के लिए शासक की ओर ताकने लगते हैं।अमीर लोग और अमीर हो जाते हैं।पुरे राष्ट्र की सम्पत्ति कुछ लोगों के पास संग्रहीत होने लगता है।पूंजीपतियों के इशारों पर नियम कानून बनने लगते हैं।एक समय ऐसा भी आता है पूंजीपति शासक के दैनिक कार्यों में दखल देने लगते हैं और अंत में उन्हें अपने इशारों पर उठने बैठने तक को मजबूर कर देते हैं।
जब अत्याचार की इंतहा हो जाता है तो समाज में उथल-पुथल होता है।लोग अपनी अपनी हिस्सेदारी के लिए आवाज उठाने लगते हैं और फिर यही से क्रांति का सूत्रपात होता है।बदलाव के वाहक युवा पीढ़ी बनते हैं। राष्ट्र एक बार फिर से बदलाव और विकास के पथ पर अग्रसर हो जाता है।












गोपेंद्र कु सिन्हा गौतम
         बिहार

1         यदि     आप स्वैच्छिक दुनिया में अपना लेख प्रकाशित करवाना चाहते है तो कृपया आवश्यक रूप से निम्नवत सहयोग करे :

a.    सर्वप्रथम हमारे यूट्यूब चैनल Swaikshik Duniya को subscribe करके आप Screen Short  भेज दीजिये तथा

b.      फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Swaichhik-Duniya-322030988201974/?eid=ARALAGdf4Ly0x7K9jNSnbE9V9pG3YinAAPKXicP1m_Xg0e0a9AhFlZqcD-K0UYrLI0vPJT7tBuLXF3wE को फॉलो करे ताकि आपका प्रकाशित आलेख दिखाई दे सके

c.       आपसे यह भी निवेदन है कि भविष्य में आप वार्षिक सदस्यता ग्रहण करके हमें आर्थिक सम्बल प्रदान करे।

d.      कृपया अपना पूर्ण विवरण नाम पता फ़ोन नंबर सहित भेजे

e.      यदि आप हमारे सदस्य है तो कृपया सदस्यता संख्या अवश्य लिखे ताकि हम आपका लेख प्राथमिकता से प्रकाशित कर सके क्योकि समाचार पत्र में हम सदस्यों की रचनाये ही प्रकाशित करते है

2         आप अपना कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि पूरे विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो के साथ हमारी मेल आईडी swaikshikduniya@gmail.com पर भेजे और ध्यान दे कि लेख 500 शब्दों  से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा

3         साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधिब्यूरो चीफरिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।

4         अपने वार्षिक सदस्यों को हम साधारण डाक से समाचार पत्र एक प्रति वर्ष भर भेजते रहेंगे,  परंतु डाक विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से आप तक हार्डकॉपी हुचने की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। अतः जिस अंक में आपकी रचना प्रकाशित हुई है उसको कोरियर या रजिस्ट्री से प्राप्त करने के लिये आप रू 100/- का भुगतान करें