भारतीय शोधार्थी अंकिता कटियार ने अमेरिका में रचा इतिहास
शोध के दौरान चारो अवार्ड जीतने वाली प्रथम भारतीय वैज्ञानिक बनीं

( स्वैच्छिक दुनिया ) कानपुर :- यूनिवर्सिटी ऑफ कैंसौस, लॉरेंस अमेरिका में रसायन विज्ञान पर विगत 5 वर्षों से अतिविशिष्ट शोधकार्य कर रही अंकिता कटियार ने शोध के दौरान प्रदान किए जाने वाले चारो अवार्ड अपने नाम कर भारत का परचम लहराया और कानपुर नगर का नाम रोशन किया है।विश्वविद्यालय में कंप्यूटेशनल केमिस्ट्री में किये गए शोधकार्य की इस उपलब्धि से वे प्रथम भारतीय महिला वैज्ञानिक बन गई हैं।इस वर्ष उन्हें ज्योर्ज विल्सन अवार्ड के साथ विशिष्ट सम्मान सहित पीएचडी की उपाधि भव्य दीक्षांत समारोह में प्रदान की गई है।अंकिता को वर्ष 2020 में सिंडर अवार्ड,2019 में रेनॉल्ड टी. लवामोटो अवार्ड,2018 में कार्नेलियस मैकुलम रिसर्च अवार्ड पुरस्कार राशियों एवं जेहॉक प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है।इस अंतरराष्ट्रीय सफलता का सारा श्रेय अंकिता ने अपने गुरुजनों एवं माता पिता को दिया है।दीक्षांत समारोह में अंकिता की माँ श्रीमती उपमा कटियार मौजूद थीं, बेटी की उपलब्धियों की ख़ुशी से भावुक होकर उनकी आँखें छलक उठीं।अंकिता ने अपना सम्पूर्ण शोधकार्य विश्वविख्यात रसायन वैज्ञानिक प्रोफेसर वार्ड एच. थॉम्पसन के निर्देशन में पूर्ण किया है।अंकिता के चार शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।अन्य कई प्रकाशनाधीन हैं।

गौरतलब है कि अंकिता ने भारत में अपनी वैज्ञानिक शिक्षा इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एण्ड रिसर्च भोपाल से ली थी, वर्ष 2016 में बीएस-एमएस डुअल डिग्री प्राप्त करते ही उसका चयन अमेरिका में पीएचडी रिसर्च के लिए हो गया था।मेधा की धनी अंकिता को पूर्ण स्कॉलरशिप प्रदान की गई थी।भारत में भी केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय,नई दिल्ली ने वर्ष 2011 से 2016 तक उसे डीएसटी साइन्स इन्सपायर फ़ेलोशिप प्रदान की थी।पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एवं छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व  कुलपति रसायन वैज्ञानिक प्रो. सर्वज्ञ सिंह कटियार को अपना आदर्श मानने वाली अंकिता ने सात समुन्दर पार जाकर अपनी मेहनत और अटूट विश्वास के बल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा किया है और देश की महिलाओं के लिए दुनिया के उच्चतम शिखर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया है।अंकिता का परिवार स्थानीय साकेतनगर में रहता है।उसके पिता डॉ. अनिल कटियार एक जाने में होम्योपैथिक चिकित्सक हैं, माँ उपमा कटियार लाइब्रेरी साइंस में एमफिल हैं, बड़ी बहन एकता कटियार यूरोप में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में फैशन डिजाइनर हैं, बड़ा भाई प्रतीक कटियार लेदर टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और कौशल विकास मिशन में कार्यरत है।अंकिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल, शारदानगर तथा सरदार पटेल विद्यालय से पूर्ण की थी।बचपन से ही उसे नृत्य का बड़ा शौक था वर्ष 2005 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से नृत्य प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार भी उसे मिला था।उसने नेट,गेट, जीआरई, टॉफेल जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षायें अपने प्रथम प्रयास में ही बहुत अच्छी रैंक से उत्तीर्ण की थीं।विज्ञान के जरिए मानव हित के कार्य करना ही उसका लक्ष्य और प्राथमिकता है।


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