लॉकडाउन - 1 का कालखंड समाप्त होते ही लॉकडाउन - 2 की शुरआत हो चुकी है , 21 दिनों की मार जनता ने जैसे - तैसे सहन करी है , लेकिन धीरे - धीरे तालाबंदी का बढ़ते जाना मध्यमवर्गीय परिवारों पर भीषण मार का सूचक है । यदि समयावधि बढ़ी है तो सरकार को सभी परिवारों को राहत भी तत्काल मुहैया करानी चाहिए । देश में सबसे ज्यादा ठेस मध्यमवर्गीय परिवारों को लगी है , साथ ही कई परिवार कोरोना विषाणु के डर के बजाय आर्थिक तंगी से बर्बाद हो रहे हैं , इसका खामियाजा भी उन परिवारों को भुगतना पड़ रहा है , जिनके व्यापार , व्यवसाय ठप है , जो बिल्कुल बेरोजगारी के साथ आर्थिक तंगी की चरम सीमा पर है । ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों को सबकी सुध लेना चाहिए व अपना कर्तव्य समझने के साथ इनकी आवश्यकताओं की संपूर्ण पूर्ति करनी चाहिए। मध्यमवर्गीय परिवारों के समस्त प्रकार के किराए व कर में छूट देकर सरकार को अपना फ़र्ज़ अदा करना चाहिए, जिससे स्थिति सुचारू रूप से चलती रहे । यदि सरकार लघु व्यवसायियों, किरायेदारों को यह राहत प्रदान करती है , तो बहुत अच्छी सेवा होगी , सरकार यदि टैक्स वसूल करती है , तो उसका सर्वप्रथम कर्तव्य है जनहित की सेवा !!
सुनील पोरवाल “ शेलू ”
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