हमने मनाई फिर से बाबा की जयंती,
बाबा साहब अंबेडकर को अतुल नमन।
ऐसा हमसब ने चौदह अप्रैल को कहा,
गरीब घर का बेटा बाबा साहब संविधान को लिखें।
कितनी वेदना से बाबा साहब को सिद्धि मिली,
जिसने किया अस्पृश्य का अंत।
हमसब को दिये एकता का संदेश,
वो बाबा साहेब अंबेडकर को लाख लाख नमन।
अपनी पढ़ाई को जो लंदन में किये,
वहाँ से आकर हमसब को एक प्लेटफॉर्म पर एकत्र किये।
जाति धर्मों के नाम लड़ने को नहीं बोले,
मिलजुलकर रहने का संदेश दिये।
सभी करें बाबा साहेब का अनुकरण,
अपने हृदय में बाबा साहेब की बातें को बैठाए।
वो महान बाबा साहेब अंबेडकर को,
हमसब की ओर से लाख - लाख नमन।
भारत महान देश में अनेक महान शौर्य आये,
सभी ने मिलकर एकता और उपदेश दिये।
फिर हमसब क्यों जाति धर्मों में बट गयें,
एकता को छोड़कर द्वंद्व को अपनाने लगे।
हमसब भाईचारे को छोड़कर,
नफरत की डगर पर चलने लगे हैं।
अब नहीं कोई महान शौर्य आयेंगे,
जो किये हैं हमसब उसे भूल जाएं।
भाईचारे की तुराही फिर से बजाएं,
एक होकर आये बाबा साहेब अंबेडकर जी की जयंती मनाएं,
महान शौर्य बाबा साहेब अंबेडकर जी को लाख - लाख नमन।
मो. जमील
- किसी भी प्रकार की खबर/रचनाये हमे व्हाट्सप नं0 9335332333 या swaikshikduniya@gmail.com पर सॉफ्टमोड पर भेजें।
- स्वैच्छिक दुनिया समाचार पत्र की प्रति डाक से प्राप्त करने के लिए वार्षिक सदस्यता (शुल्क रु 500/- ) लेकर हमारा सहयोग करें।
- साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधि, ब्यूरो चीफ, रिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।
- कृपया यह ध्यान दे की कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि 500 शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा।
- कृपया अपनी रचना के साथ अपना पूरा विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो अवश्य भेजें।