कोई बात नहीं ऐ जिंदगी
ये दिन भी गुजर जाएँगे।
फिर सजेंगे ख्वाब सुनहरे
हम मिलकर मुस्काएँगे।।
हैं अभी प्रतिकूल हवाएँ
चल रहीं उल्टी धाराएँ
कुछ देर करो विश्राम अभी
फिर कश्ती पार लगाएँगे।।
वक्त नहीं कभी ठहरा है
जीवन से नाता गहरा है
वो होगा अनुकूल कभी
फिर से सफर पर जाएँगे।।
जब आये जीवन में परीक्षा
सब्र से तब करो समीक्षा
कितने भी हों कठिन प्रश्न
फिर सब हल हो जाएँगे।।
साधना सचान
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