कोरोना से आज पूरी दुनिया इस वक्त लड़ रही है। क्योंकि ये महामारी बहुत ही खतरनाक है। और पूरी दुनिया इस बीमारी की चपेट में हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से हम तक खबर पहुँच रही है। कि कोरोना के लाख से भी ज्यादा कोविड 19 के शिकार बने हुए हैं। और यह ऐसी बीमारी है। अभी तक इसका कोई उपचार संभव नहीं है। लेकिन निःसंदेह डॉक्टर वैज्ञानिक दिन रात कोविड 19 की दवाई बनाने में लगे हुए हैं। और उनके मुताबिक इस बीमारी की दवा बनाने में तकरीबन एक साल का समय लग सकता है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इस बीमारी की वैक्सीन लगभग 2021 तक बनकर तैयार हो जायेगी। फिलहाल इस पर वैज्ञानिक लोग काम रहे हैं। लेकिन कोरोना कोविड 19 को लेकर समूचे देश भर में जो इस वक्त तालाबंदी यानि लॉकडाउन लगा है। इस बीमारी से बचाव के लिए ही समूचे देश भर की सरकार कदम उठायी है। आज ये खबर आ रही है कि अमेरिका में जिस तरह से लोगों की मौतें हो रही है। और मौतों की संख्या हजार से भी ऊपर पहुँच चुकी है। और भी लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं। किंतु जब अमेरिका जैसे विकसित देशों में लॉकडाउन लगा है। वहाँ की टेक्नॉलजी पावर तो पूरी दुनिया में अव्वल पर है। जब ये देश इस बीमारी से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। फिर हमलोग भारतवासी लॉकडाउन का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं। आज फेसबुक यूट्यूब के माध्यम से हम तक ये बात सामने आ रही है कि डॉक्टरकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी पर डंडे, पत्थर, थूक की बारिश हो रही है। जो डॉक्टर मरीज के इलाज कर रहे हैं। उस पर इस तरह की अत्याचार हो रहे हैं। यह बिल्कुल ही अनुचित है। इस वक्त हमसब को उन वीरों के साथ देना चाहिए। जो वीर कोरोना कोविड 19 से लड़ रहे हैं। उन पर पत्थर फेंकना, डंडे मारना, ये सब तो बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए। और अगर इस समय डॉक्टरकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी जरा सा भी लापरवाही बरत दे तो इससे भी बड़ी मुसीबत उत्पन्न हो सकती है। तब तो नियत है कि कोरोना से बहुत सारे लोग संक्रमित हो जाएंगे। क्योंकि ये विकट परिस्थिति है। और इस स्थिति में हमसब को सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, डॉक्टरकर्मी के ढाढ़स को प्रोत्साहन देना चाहिए। अगर हमसब उन वीरों को हौसला देंगे। तभी डॉक्टर लोग अपनी ड्यूटी को बखूबी पालन करेंगे। और कोरोना महामारी को हराएंगे। और अपने समाज में उन असहाय लोगों की मदद करने लिए आगे बढ़े। जिनकी जिंदगी कोरोना से अस्त व्यस्त हो गयी है। वो लोग एक एक रोटी के लिए तड़प रहे हैं। कहीं से उनकी मदद नहीं मिल रही है। और अभावग्रस्त लोग भूखे रहने पर मजबूर हो गए हैं। लेकिन निःसंदेह कुछ लोगों तक सरकारी राशि मदद के रुप में तो पहुँच रही है। और कुछ लोग अभी भी पैसे के लिए तड़प रहे हैं। लेकिन हमसब इसके बावजूद भी मसीहा बनकर नहीं आ रहे हैं। और यह कोरोना वायरस ईश्वर का एक ईम्तेहान है। ईश्वर जांचना चाहते है। कि मानवता जिंदा है कि नहीं। इतिहास की किताबों के अध्ययन से यह बात पता चली है। कि इस दुनिया में अनेकों बीमारी आयी और जीत मानवता की ही हुई है। और इस बार भी हमसब की ही जीत होगी। लेकिन जीत तो तभी होगी जब हमसब मसीहा बनकर निर्धन लोगों की मदद करेंगे। अब समय आ गया है हमसब मानवता को शर्मसार नहीं होने देंगे। जो भी इस वक्त मदद के लिए तड़प रहे हैं, उनकी मदद करेंगे। और इसके साथ - साथ उन तमाम वीरों के ढाढ़स को प्रोत्साहन करेंगे। जो इस वक्त अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना कोविड 19 से लड़ रहे हैं। और अगर हमसब ये करेंगे तभी कोरोना महामारी की हार होगी और मानवता की जीत होगी। आईये हमसब नारा लगाये की कोरोना को करुणा से हराएंगे सावधानी भी बरतेंगे और मानवता को शर्मसार भी नहीं होने देंगे।
मो. जमील
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