इश्क
आप का प्यार झलकता है आँखो में, हमारा दिल मे तड़फ़ता है ।

आप हँसते हो खिलखिलाकर, हम मुस्करा कर जाँ लेते हैं ।

 

आप बुलाते हो  नैनों  के इशारों  से, हम बन्द पलकों से आप को आप से चुराते हैं ।

आप कह देते हो कि आप को हमसे प्यार है , हम प्यार का एहसास दिलाते हैं ।

 

आप  लेते  हो  साक़ी  के हाथ से  प्याला,  हम  नैनों   के प्याले  बनाते  हैं  ।

आप  छुते  हो  लबों  से मय  को , हम  आँखो से  मय  पिलाते  हैं  ।

 

आप देखते हो हमें तस्वीरों  में , हम जब जी चाहे दिल मे झाँक लिया करते हैं ।

आप सेकते हो आँखो के अँगारो  से, हम  दिल ही  दिल मे सुलगा  करते हैं  ।

 

पेशानी को चूम कर आप दिलाते हो प्यार का अहसास, हम दिल में घर कर के प्यार निभाते हैं ।

आप  से  इश्क है  हमें ,इसलिए  ढुँढने  निकले  थे  आप  को , जो  दिल चीर  के  देखा  

अपना  हमने,  तो  आप  को  वहीं  पर  ही  पाते  हैं ।

 


                        प्रेम बजाज



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