*जीवन* 
मिलता है विषाद इसमें 

इसमें ही मिलता हर्ष है 

कहते हैं इसको जीवन 

इसका ही नाम संघर्ष है 

 

दोनों रंगों में यह दिखता 

कभी श्याम कभी श्वेत में 

कुछ मिलता कुछ खो जाता 

रस जीवन का है द्वैत में 

 

लक्ष्य होते हैं पूर्ण कई 

थोड़े शेष भी रह जाते हैं 

स्वप्न कई सच हो जाते 

कुछ नेत्रों से बह जाते हैं 

 

चाहे बिछे हों पथ में कांटे 

लगने लगे मार्ग कठिन 

पथिक कभी रुकते नहीं 

देखकर बाधा व विघ्न 

 

कोई करता प्रेम अपार 

हृदय में किसी के कर्ष है 

कहते हैं इसको जीवन 

इसका ही नाम संघर्ष है 

 


            आलोक कौशिक 



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