जीत बने उपहार,आज उदघोष करो,

कोरोना की हार,आज उदघोष करो ।
भले अभी आतंक,वेदना,दुख भारी,
हरसाये संसार,आज उदघोष करो ।
कोई भूखा,रहे न प्यासा,ना ही हो लाचार,
मानवता से प्यार,आज उदघोष करो ।
ख़ुद को रक्खें गृह तक सीमित,तो बेहतर,
होगा नित्य सुधार,आज उदघोष करो ।
क्वारेन्टाइन सबसे बढ़िया,यदि शंका,
है उत्तम उपचार,आज उदघोष करो ।
जीवन होता बेशक़ीमती,सब समझें,
साहस में हो धार,आज उदघोष करो ।
सारे निर्देशों को मानें,डरें नहीं,
होगी फिर जयकार,आज उदघोष करो ।
देश,राज्य,हर ज़िले में रक्षा,नवजीवन,
चोखी है सरकार,आज उदघोष करो।
परम पिता भी साथ हमारे,यह होगा,
कोरोना-संहार,आज उदघोष करो ।
'शरद' कह रहा,वह ख़ुद करता,यह पक्का,
अनुशासन से प्यार,आज उदघोष करो ।
प्रो.शरद नारायण खरे
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