चिकित्सक रिपोर्ट हाथ में आते ही उसके हाथ के तोते उड़ गए," बाबा! आप दूर नहीं जा सकते ।" उसने डर कर कहा तब बाबा ने जवाब दिया, " मुझे जाना तो होगा ही। यही तो मेरा नियम है।"
" बाबा, मैं मूर्ख था जो आप का नियम नहीं मानता था," कहते ही उसके सामने घटित अनगिनत घटनाएं तैरने लगी।
उसके अजीज दोस्त सलीम के जनाजे में जा कर आते ही बाबा ने टोका था, " तू ऐसे ही अंदर नहीं आ सकता है। तू उसकी मैयत में हो कर आया है । न जाने उसे कौन सी बीमारी रही होगी ?"
" ओह बाबा ! आप भी किस जमाने के नियम की बात करते हैं । उनकी संस्कृति में ऐसा ही होता हैं। पहले नहाधो कर जाते हैं बाद में नहाते नहीं है।"
" मगर हमारे घर में तुझे ऐसा नहीं करने दिया जाएगा।"
" आप भी ना बाबा। अभी तक पुराने रिवाजों में बँधे हैं। पॉजिटिव रहा करो ना। " उस ने प्यारा सा उलाहना दिया था।
"हूं । क्या कहा ? जरा हिंदी में बोलना- बी पॉजिटिव का मतलब क्या होता है ?"
" समय के साथ चलना और बदलना चाहिए बाबा," कहते हुए वह नहीं चाहते हुए भी नहाने चला गया।
तभी साथ आए डॉक्टर की आवाज से चौंक कर वह वर्तमान में आ गया, " हम इन्हें एकांतवास के लिए ले जा रहे हैं । जब तक ये ठीक नहीं हो जाते तब तक वहीं रहेंगे।"
और उधर जाते हुए बाबा मुस्कुराकर कह रहे थे, " बेटा ! तुम कहते थे ना बी पॉजिटिव। लो मैं पूरा पॉजिटिव हो गया। पूरे प्रमाण के साथ ।" कहते हुए उन्होंने दूर रहने का इशारा किया।
यह सुनते ही वह माथा पकड़ कर जमीन पर बैठ गया और बाबा को एंबुलेंस में कोरोना अस्पताल जाते हुए अपलक देखता रहा।
ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'
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