सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ - साथ कई वस्तुओं के ऑनलाइन विक्रय का जो कदम उठाया है, यह फैसला देश के उन समस्त व्यवसायियों के साथ छल है, जो लॉक डाउन का पालन करते हुए भी सभी प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं। ऐसी क्या नौबत आ गई है, जो सरकार को ऑनलाइन कंपनियों के आगे झूकना पड़ रहा है, क्या सरकार को हमारे देशवासियों की जरा भी फिक्र नहीं है, आखिर छोटे व्यापारी और दुकानदार क्या कमाएंगे और क्या खाएंगे, यदि सरकार को इन विदेशी कंपनियों की इतनी ही चिंता है तो इन कंपनियों के मालिकों ने देश के लिए क्या राहत प्रदान की है। केवल अपनेपन से मतलब रखने वाली इन विदेशी कंपनियों को देश से उखाड़ फेंकना चाहिए, ताकि गली, मुहल्ले तथा बाजारों में अपना व्यवसाय करने वाले लोग राहत की सांस ले सके। राष्ट्र की चिंता केवल राष्ट्र की जनता करती है, अपना देश सभी को प्यारा लगता है, लेकिन सरकार ने इस प्रकार का निर्णय लेकर जरा भी उचित नहीं किया है, यह समस्त भारतवासियों के पेट और रोजी - रोटी पर सरकार ने लात मारी है, इसलिए सरकार को अपना निर्णय पुनः वापस लेना चाहिए और इस ऑनलाइन के रावण को भारत की धरती से मुक्त कर देना चाहिए, यही सबसे बेहतर है ।।
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सुनील पोरवाल “ शेलू ”
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