पालघर की निर्मम घटना पर लेख
         सबसे पहले हमारे देश के उन साधू-संतों को मेरा भावपुर्ण शर्धांजली जिनकी बहुत ही निर्मम्ता और अमानवीय ढंग से महाराष्ट्र के पालघर में हत्या कर दी गई,परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ऐसी कोई भी घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है, साथ ही साथ उन तथाकथित बुधिजिवीयों,समाजसेवी लोगों की चुप्पी कहीं और भी दुखद, सोचिनीय और अमानवीय है जो ऐसी घटनाओं को धर्म के चश्मे से देखतें हैं और किसी धर्म विषेश के लिये ही जिनकी कलम चलती है। जिस धरती का इतिहास ही सनातन धर्मी रहा हो, वहाँ पर ऐसे संतों की हत्या सोचनीय और डरावनी है।

        सनातन धर्म कतई किसी पर आक्रमण या किसी की हत्या करने का मार्ग प्रशस्त नही करता है परंतु मेरे विचार से अपनी तथा अपनो की सुरक्षा के लिये अश्त्र उठना धर्मसंगत जरुर बताता है। अगर वो सुरक्षा कर्मी जिनकी हाँथ पकड़ कर,लोग खुद को सुरक्षित पा रहे थें, तनिक भी पर्यास किये होतें, हवा मे भी बन्दूक चलाये होतें तो शायद भीड़ तीतर-बितर हो जाती और ऐसी निन्दनीय घटना नही घटित होती। इस तरह की किसी भी अमानवीय कृत्य की हमसबों को घोर निन्दा करना चाहिए ,चाहे वो किसी के भी साथ क्यों ना हो। मैं आशा करता हूँ  की हम सब धर्म विसेष से ऊपर उठ कर ऐसी अमानवीय घटनाओं का निंदा करेंगे तभी हमरा देश और समाज सुरक्षित रह सकता है। 

 


                राकेश कुमार साह



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