विषय:-  समझदारी दिखाएं अपनों के जीवन का महत्व समझें

जहां आज विश्व का हर देश कोरोनावायरस से लड़ रहा है और अपने देश वासियों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए संभव प्रयास कर रहा है। वहीं हमारा देश कोरोनावायरस के साथ ही साथ धर्म और राजनीति से भी जूझ रहा है। क्या किसी देश को और उस देश के लोगों को धर्म निरपेक्ष की ऐसी सज़ा मिलती होगी। जैसी हम अपने देश में प्रत्येक दिन झेल रहें है। वह इस आशा में की एक दिन हमारे यह धर्म के ऊपर राजनीति खत्म हो जाएगी और हमारे देश की भोली भाली जनता को धर्म के नाम पर होने वाले शौषण से राहत मिल जाएगी।


जहां एक ओर हम राजनीति का धर्म का ज़हर हम सभी देश वासियों द्वारा झेला जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस से लडने वाले हमें सुरक्षा देने वाले डाक्टर, नर्स और स्वास्थ कर्मचारियों के साथ किया जाने वाला दूर व्यवहार। उनके ऊपर किए गए पथराव, उनकी जान लेनें कि कोशिश हमको शर्म सार ही नहीं करतीं। हमें यह बतातीं है कि हम अंधे हो गए हैं, इंसानियत तो बहुत दूर की बात अब हम अपनी सोच समझ खो चुके हैं। मानव जाति में जन्म तो लिया है किंतु एक जानवर जितनी समझ का प्रयोग करना भी हमें आता नहीं।


देश की फ़िक्र नहीं ना सही, किन्तु अपने जीवन की फ़िक्र करें। आप के जीवन को बचाने वालों को ना मारें।  नहीं तो धर्म और राजनीति तो बच जाएंगे लेकिन आप का जीवन खत्म हो जाएगा।  प्रवाह करें इस जीवन की किसी अफवाह या किसी झूठ में पड़ कर यह ना भूलें कि केवल देश या अन्य लोग ही संकट में नहीं है। आप का समाज, आप के अपने लोग, आप का परिवार भी इस वक्त बहुत ही बड़े ख़तरे से जूझ रहा है।


आप की समझदारी से  इस वक्त सब की सुरक्षा संभव हो सकती है। धर्म और राजनीति से ऊपर उठें, इंसान को इंसान समझें एक धर्म का सिपाही नहीं। इंसानी जीवन का मोल समझ कर उसे सुरक्षित रखने में सहयोग दें। अपना और अपने आस पास सभी का ध्यान रखें। डाक्टर, नर्स और स्वास्थ कर्मचारियों को परेशान करने के स्थानों पर उनका सहयोग करें। उनके कार्य को आसान बनाएं ताकि आसानी से और जल्द से जल्द हम इस बिमारी से निपट सकें।


राजनीति का धर्म कुछ वक़्त के लिए भूल कर, इंसान होने का धर्म निभा लें। अपने आसपास भूखे लोगों को खाना उपलब्ध करवाएं। किसी को भूखा ना रहने दें। दान देने की स्थिति में हो तो किसी गरीब के घर में महिने भर का राशन भरवां दें। इसे ही आज अपनी परीक्षा समझ किसी मजबूरी में फंसे व्यक्ति की रोज़ी रोटी का इंतजाम करें।


अपनों का ख्याल रखें। कुछ समय के लिए धर्म और राजनीति को छोड़ अपनों के लिए लॉक डाउन का पालन करते हुए। समाज में इंसान बन कर रहें। धर्म की राजनीति के मसीहा बनना छोड़ कर। समाज में अपना सहयोग दे अपने जीवन को बचाने के लिए। नहीं तो अमेरिका और इटली जैसा ही मौत का मातम भारत भी झेलता हुआ नजर आएगा। फिर ना ही धर्म होगा और ना ही धर्म पर राजनीति बस होगा तो सम्पूर्ण देश में मौत का मातम।


कोरोनावायरस ने हम सभी के बीच का भेद मिटा दिया है। अब हमें समझना है कि हम क्या हमें नफ़रत से भरी इस धर्म की राजनीति को चुनना है या फिर अपने उन देशवासियों को।


        


                       राखी सरोज



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