इंक पब्लिकेशन द्वारा पांडुलिपि की गुणवत्ता के आधार पर निःशुल्क प्रकाशन योजना के तहत 50 रचनाकारों की चयनित पुस्तकें निःशुल्क प्रकाशित करने की योजना प्रस्तावित है।इस संदर्भ में लेखकों से विगत 30 जुन तक पांडुलिपि मंगाई थी जिसे पुनः 12 जुलाई तक विस्तारित किया गया था। इस योजना के तहत प्राप्त अनगिनत पांडुलिपि मे से चयन समिति द्वारा अब तक कुल 16 लेखकों के पांडुलिपि चयन की घोषणा की जा चुकी है।अगली चयनित पांडुलिपि की सूचना 30 जुलाई को दी जाएगी।चयनित पांडुलिपि के प्रकाशन पर काम शुरू हो चुका है।
इस कड़ी में इंक पब्लिकेशन द्वारा पांडुलिपि की गुणवत्ता के आधार पर चयनित निःशुल्क प्रकाशन योजना के तहत चौथे चरण के चयनित रचनाकारो की सूची जारी कर दी गई है। इस सूची में विनोद कुमार विक्की (सही पकड़े महाराज! ) के अलावा गोरखपुर के सुनील सिंह, वैशाली के अश्विनी कुमार आलोक एवं मुंगेर के कुंदन कुमार की पांडुलिपि के चयन की अधिसूचना इंक पब्लिकेशन के डायरेक्टर श्री दिनेश कुशवाहा ने दी है।इससे तीन दिनों पूर्व विनोद कुमार दवे(राजस्थान)एवं वृंदा मिश्रा (पश्चिम बंगाल) के पांडुलिपि चयन की घोषणा की गई थी।
इस संदर्भ में इंक पब्लिकेशन चयन समिति एवं दिनेश कुशवाहा के प्रति आभार एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए व्यंग्यकार विनोद कुमार विक्की ने बताया कि वर्तमान आर्थिक युग में जहाँ संकलन की स्तरीयता को दरकिनार कर प्रकाशक द्वारा प्रकाशन शुल्क के आधार पर या बड़े नाम देखकर (स्थापित लेखकों का) पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है,वहीं इंक पब्लिकेशन द्वारा रचनाओं की स्तरीयता के आधार पर निःशुल्क पुस्तक प्रकाशन जैसा प्रशंसनीय व अनुकरणीय कार्य किया जाना किसी साहित्यिक अनुष्ठान से कम नहीं।
इंक पब्लिकेशन के सचिव डाॅ विनय कुमार श्रीवास्तव एवं निदेशक दिनेश कुशवाहा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020 के अंत तक साहित्य की विभिन्न विधाओं में से 20 उपन्यास एवं 20 कहानी संकलन तथा अन्य विधा की दस पुस्तकों सहित कुल पचास पुस्तकों का निःशुल्क प्रकाशन किया जाना है।पुस्तक का चयन प्रकाशन की चयन समिति द्वारा की जा रही है। चयनित लेखक को पुस्तक की लेखकीय प्रतियाँ भी प्रदान की जाएंगी। पुस्तक योजना पूर्णतय निःशुल्क है।
सनद रहे कि इससे पहले भी दिल्ली पुस्तक सदन द्वारा फेसबुक पर रचित उत्कृष्ट रचनाओं के आधार पर व्यंग्य विधा हेतु युवा व्यंग्यकार विनोद कुमार विक्की की पांडुलिपि मूर्खमेव जयते युगे युगे का चयन किया गया था।जिसपर रायपुर(छत्तीसगढ) की हिन्दी साहित्य संस्थान द्वारा हिन्दी व्यंग्य सम्मान 2020 भी प्राप्त हुआ।
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