महिला अध्ययन संस्थान, लविवि के सात दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेब़ टाॅंक शो का समापन
यू0जी0सी0 के निर्देशानुसार, महिला अध्ययन संस्थान, लविवि के सात दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय , वेब़ टाॅंक शो के अन्तिम दिन श्रीमती आभा सिंह, वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता, उच्च न्यायालय मुम्बई मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रही । आभा सिंह जी ने कहा कि ऐनी ओकली प्रमुख समाजशास़्त्री कहती है कि लिंग की भूमिकाए समाज मे भिन्न - भिन्न होती है, लेकिल अभी भी समाज में कहीं न कहीं पुरूष प्रधानता है । उन्होने यह भी कहा कि आज भी घरों में गृहिणी एवं माताएॅ मौजूद रहती है संविधान ने महिलाओं की समानता कि बात किया है । उन्होने संयुक्त राष्ट्र संघ का सत्त विकास लक्ष्य 2030 कि रिपोर्ट को भी साझा किया कि विश्व स्तर पर 31 मिलियन लड़कियाॅं आज भी स्कूलों से वंचित है, और अनपढ़ वयस्कों में दो तिहाई महिलाएं है । भारत में 89 प्रतिशत स्कूल जाते समय घर का कार्य करती हैं। 23 प्रतिशत मासिक धर्म के कारण स्कूल नही जाती हैं । उन्होनें लड़कियों और महिलाओं के लिए कौन कौन से एक्ट बने हुए है इसके विषय मे भी बताया कि वर्तमान मे केवल 11 प्रतिशत महिला ही संासद है । आज भी कही न कही पुरूष प्रधानता है और वर्तमान समय मे भी महिलाए पुरूषों के मानक पर ही चलने को मजबूर हैं । उन्होने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं के प्रति व्यवहार सभी को बदलना होगा और इसको सभी की मानसिकता मे फेरबदल कर के किया जा सकता है । यह समय है, लड़कियों की शिक्षा पर जोर देने का जिससे समाज मे हो रहे अपराध और घरेलू हिंसा को नियंत्रित किया जा सकता है ।
वेब टाॅक शो मे पद्मश्री बी0के0 शुक्ला, डीन फैकल्टी आॅफ आर्टस, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ भी मौजूद रहे, और उन्होने भी कहा कि आवश्यकता है कि लिंग भेदभाव को मिटाया जाए और लड़कियों कि शिक्षा पर भी जोर दिया जाए जिससे लिंग भेदभाव को दूर किया जा सके ।
अन्तर्राष्ट्रीय वेब टाॅक शो के अन्तिम दिन कार्यक्रम की संयोजक एवं समन्वयक, डाॅं0 अर्चना शुक्ला, महिला अध्ययन संस्थान, लविवि ने सभी को सहृदय धन्यवाद कर कार्यक्रम का अन्त किया ।
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