जब से कोरोना का कहर आरंभ हुआ है संसार में लोगों के रिश्तों में और दूरियाँ आती जा रही हैं । कोविड की वजह से जैसे जैसे लॉकडाउन बड़ता जा रहा है वैसे ही लोगों का आपस में मिलना जुलना कम होता जा रहा है । धीरे धीरे संप्रेषण मे कमी से अपने ही अपनों से दूर होते दिख रहे हैं । “पहले उन्हे करना चाहिए” की वजह से कोई भी एक दूसरे से बात नही कर रहे है। ऐसे में लोगों का रुझान मोबाइल गेम्स में अत्यधिक हो गया है । लोग अपने सगे सम्बंधियों से भी हाल चाल पुछने मे पीछे हटते दिख रहे है और लोगों का उतना ही मोबाइल प्रेम बड़ता जा रहा है ।
“मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है उसे स्वयं के साथ साथ दुसरों के भी कल्याण के बारे में विचार करना चाहिए जिससे सामाजिक एकता और अखंडता बनी रहे”
इस तरह की मानसिकता के कारण ही लोगों मे द्वेष उत्पन्न हो रहा है । ना जाने कब तक यह कोरोना काल बना रहेगा और यह लोगों मे दूरियाँ छोड़ जायेगा ।
आशीष शुक्ला
कानपुर नगर
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